सिवनी- विधानसभा चुनावों के पूर्व जिले की राजनिति में आरोप प्रत्यारोप का दौर आंरभ हो गया है।ताजा मामला जिले की बरघाट विधानसभा का है जहा से लगातार 2 बार भाजपा की टिकट पर जीतकर विधायक बने आदिवासीयो के युवा नेता कमल मर्सकोले पर विस चुनावो के फार्म में फर्जी डिग्री पेश करने का आरोप जन चर्चा का विषय बना हुआ था ।
आज अपने ऊपर लगाये गये आरोपो का खंडन करते हुए जारी वीडियो में कमल मर्सकोले ने कहा कि वे एक साधारण आदिवासी परिबार से आये है और अपने जीवन के राजनैतिक केरियर में हमेशा उनके द्वारा बरघाट की जनता की सेवा की गई,पूर्व में जनपद सदस्य,फिर बरघाट जनपद अध्यछ के कार्यकाल में उहोंने हर सँभव अपने छेत्र का विकास करते हुए राजनीतक शुचिता बनाये रखी।
देश की सबसे बड़े दल भाजपा ने उन पर विश्वास कर 2018 के विस चुनावो में टिकट देकर उन्हें जन सेवा का मौका दिया था,कमल मर्सकोले ने कहा कि पिछले कार्यकाल में विधायक के रूप में उनके द्वारा विस छेत्र का विकास में कोई कसर नही छोड़ी।
जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें पार्टी ने पुनः 2013 में मौके देकर चुनाव में खड़ा किया ,लगातार अपनी जनता से सम्पर्क के चलते पुनः वे विधायक बने और अभी तक निर्वाविद रूप से जनता की सेवा कर रहे हैं।कमल मर्सकोले ने फर्जी डिग्री के आरोप को सिरे से खारीज करते हुए कहा कि उनके द्वारा 2013 के चुनावो में जो डिग्री नामांकन के समय पेश की गई थी वह पूर्णतः सही है,
दरअसल उनकी लोकप्रियता व भाजपा सरकार की मदद से बरघाट विस् में हुए विकास कार्यो से उनकी लोकप्रियता से घबराए विपक्ष के लोग उनकी छवि खराब करने के लिये जूठे आरोप लगा रहे है।जारी वीडियो में कमल ने विश्वास से भरे अंदाज में कहा कि उनके द्वारा अपने राजनीतक जीवन में कभी भी ऐसे कोई कार्य नही किये जो गैर सवैधानिक हो ।