सिवनी (Seoni News): यह प्रशिक्षण का आयोजन उपजोन प्रमुख श्री दीपचंद मालवीय जी एवं सह प्रभारी श्री देशमुख जी के द्वारा शान्तिकुंज के मार्गदर्शन पर गायत्री शक्तिपीठ सिवनी में मुख्यप्रबन्ध ट्रस्टी श्री एस एल बघेल जी एवं स्थानीय परिजनों के कुशल प्रबंधन पर यह आवासीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ।
इस प्रशिक्षण हेतु शान्तिकुंज हरिद्वार से आये हुए मध्य जोन प्रशिक्षण प्रभारी श्री डॉ अभिलाष जी, एवं अन्य साथी श्री सौरभ दुबे जी संगीत (ढपली वादक ) एवं दूबे जी ने 5 दिवस के प्रशिक्षण को 3 दिवस में पूर्ण कराने की पूरी कोशिश की।
प्रथम दिवस 26 नवम्बर को कार्यक्रम का शुभारंभ परमपूज्य गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्षण में देवस्थापना के चित्र पर अतिथियों द्वारा पुष्प अर्पित कर, एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। ततपश्चात शान्तिकुंज से आये प्रतिनिधियों का स्वागत कर अभिनंदन किया गया। श्री बघेल ने स्वागत उद्बोधन से आगे का क्रम बढ़ाया, सभी श्री यज्ञ कर्मकाण्ड भास्कर के मंत्रों के क्लिष्ट शब्दों को सरल उच्चारण करना, लय, वैदिक एवं लौकिक स्वर व मात्रा का ज्ञान आदि के संबंध में बतलाया, और उच्चारण कराकर अभ्यास कराया।
दूसरे दिवस प्रातः 4 बजे जागरण के साथ ध्यान, जप, महाआरती एवं सामूहिक योग स्वल्पाहार, के बाद 8 बजे से 16 संस्कारों के मंत्र उच्चारण की क्लिष्टता का समाधान किया। द्वितीय पहर में युग ढपली वादक श्री सौरभ दुबे, जी ने आज ताल कहरवा का तीन ताल का प्रशिक्षण दिया। और इस ताल का प्रतिदिन अभ्यास करने का निर्देश दिया।
3 बजे के बाद श्री अभिलाषी जी ने मंच संचालन , प्रवचन, एवं 5 कुण्डीय यज्ञ के आवश्यक विधान एवं सावधानियां, मंत्रों का उच्चारण शुद्ध कराया। अनेक दृष्टांतों के माध्यम से सभी प्रशिक्षार्थी को मिशन युगनिर्माण के कार्यों और उद्देश्यों को भली प्रकार से उनके चित्त में उतारा। श्री अभिलाषी जी ने गुरुवर के साथ और मिशन में 55 वर्षों के अनुभवों को साझा किया। आत्मीयता पूर्ण व्यवहार हर किसी को अपना बनाने की समर्थ रखते है। अपने बतलाया कि ऋषियुग्म ने गायत्री परिवार को प्रेम और स्नेह से गढ़ा और बड़ा किया है। अनेको प्रेरक कविताएं, गीतों की पंक्तियों एवं ऋषि अनुदान, और उनके सहयोग की अनेकों प्रत्यक्ष घटनाओं को सभा मे सुनाया।
संध्या कालीन समय मे उपजोन प्रभारी श्री मालवीय जी ने अलाइड प्रिसेंटेशन के माध्यम से व्याख्या किया कि एक आदर्श कार्यकर्ता में किन गुणों का होना मिशन की गरिमा के अनुकूल होता है। और अपनी और गुरुदेव के विजन को जन जन तक पहुचाने के सूत्र प्रदान किये। इस पीपीटी प्रिसेंटेशन की उत्तम व्यवस्था हमारे जिला युवा संयोजक श्री दिगम्बर राहंगडाले जी द्वारा की गई।
तृतीय दिवस में प्रातः 8:30 से से कक्षा प्रारंभ होती है जिसमे श्री मालवीय जी द्वारा गुरु वंदना एवं वेद माता के आह्वान से एवं अपनो से अपनी बात से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रशिक्षण का अंतिम दिवस है। इसमें मुख्य प्रशिक्षक श्री अभिलाषी ने
कार्यकर्ता आचार संहिता के मुख्य बिंदुओं को नोट कराया, एवं उसपर अक्षरशः जीवन मे उतारकर गुरुकार्य करने की प्ररणा दिया।
अंत मे विदाई का क्रम सभी अतिथियों को श्रीफल तिलक लगाकर भाव भारी विदाई दी। श्री अभिलाषी जी , शान्तिकुंज प्रतिनिधियों एवं अन्य मंचासीन भाइयों द्वारा सभी प्रशिक्षार्थीयों के ऊपर पुष्पों की वर्षा किया। सामूहिक फ़ोटो का क्रम हुआ। 3 दिवस में आत्मीयता का जो समुद्र हिलोरें मार रहा था आज वह भावना बनकर ,शब्दों की अभिव्यक्ति, और फीडबैक पत्रक एवं अश्रु के माध्यम से व्यक्त होता देखा गया। सभी जिलों से आये भाई बहनों ने 1 माह से लेकर 6 माह तक समय दान की घोषणा किया। इस प्रशिक्षण में कुल 85 से 90 भाई बहनों ने लाभ लिया।
मु प्र ट्र. श्री एस एल बघेल जी ने विदाई एवं आभार उद्बोधन दिया, जिसमें अपने विनम्रतापूर्वक उद्बोधन में आवासीय व्यवस्था में यदि कोई कमी रही हो के लिए खेद प्रकट किया। सभी वरिष्ठ जनों ने अपने अपने उद्गार इस शिविर के सफलता पर व्यक्त किया। इस अवसर पर श्री मध्य जोन प्रभारी पुरुषोत्तम बंदेवार, जी जिला समन्वयक श्री आर एस राहंगडाले जी , जिला बालसंस्कार शाला श्री अशोक रजक जी, मुख्यप्रबन्ध ट्रस्टी बरघाट श्री बघेल जी, ट्रस्टी सिवनी श्री बघेल जी, श्री कटरे जी, समस्त समन्वय समिति प्रभारी आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।
विशेष सहयोगी – श्री शाश्वत सोलंकी जी, श्री पन्ना लाल पटले, श्री मनीष डेहरिया, श्री गगन देशमुख, श्री दुर्गेश राहंगडाले, श्री किशोर चौधरी, एवं मीडिया प्रभारी विनोद बर्मन और सभी माताओं बहनों का इस शिविर को सफल बनाने में अभूतपूर्व सहयोग व योगदान रहा।