सिवनी: जिला मुख्यालय के जल स्तर को वर्ष भर बनाए रखने में दलसागर, मठ तालाब के अलावा बुधवारी तालाब भी वर्षों से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है लेकिन कभी भी शासकीय योजनाओं से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग मृतप्राय हो रहे बुधवारी तालाब में जल संरक्षण को बनाए रखने में नहीं किया गया।
परिणाम स्वरूप स्थिति यह है कि अतिक्रमण और यहां फेकी जाने वाली गंदगी के कारण तालाब गंदे नाले के रूप में तब्दील होकर रह गया है।
केंद्र सरकार की अमृत योजना- अमृत 2.0 योजना
केंद्र सरकार की अमृत योजना- अमृत 2.0 योजना में नगरपालिका सिवनी ने ट्रांच जल संरचनाओं का उन्नयन कार्य करने हेतु दलसागर एवं मठ तालाब की डीपीआर बनाई लेकिन इस दौरान प्रशासनिक अमला बुधवारी तालाब को भूल गया जबकि सबसे अधिक जरूरत इस तालाब के अस्तित्व को बचाए रखने की थी।
विगत दिवस नपा सिवनी के प्रथम सम्मेलन में दोनो ही तालाबों के लिए बनाई गई डीपीआर पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया जिसके बाद अब नेकी की दीवार का संचालन करने वाली संस्था मां बैनगंगा सेवा अभियान लखनवाड़ा ने जिला कलेक्टर सिवनी, विधायक मुनमुन राय, नगरपालिका अध्यक्ष शफीक खान सहित सभी निर्वाचित 24 पार्षदों से अनुरोध किया है कि अमृत योजना के अंतर्गत बुधवारी तालाब को भी शामिल कर जल संरक्षण के लिए डीपीआर बनाई जाए।
विदित हो कि लगभग दो वर्ष से नगरपालिका सिवनी में प्रशासक नियुक्त हैं ऐसे में अधिकारियों ने गंभीर लापरवाही बरतते हुए दलसागर तालाब के लिए 90 लाख रूपये की डीपीआर बना दी जबकि इस तालाब के संरक्षण व सौंदर्यीकरण के लिए पहले ही करोड़ों रूपये खर्च किए जा चुके हैं।
बैनगंगा सेवा अभियान की इस मुहिम को पर्यावरण संरक्षण में कार्यरत अंकित मालू संचालक पीसीएम आर्गेनिक फार्म, कौमी एकता कमेटी के अध्यक्ष असलम बाबा, गूंज संस्था की अध्यक्ष श्रीमति मनीषा चौहान, पंचज विकास परिषद के प्रमुख पीयूष दुबे तथा सिवनी सायकलआन समिति ने समर्थन देते हुए कहा है कि यदि विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष व पार्षदगण चाहेंगे तो निश्चित तौर पर बुधवारी तालाब को भी अमृत योजना में शामिल किया जा सकता है।
क्या कहते हैं
दलसागर, मठ के साथ बुधवारी तालाब के लिए भी डीपीआर बनाई जानी चाहिए। तीनों ही तालाबों का इतिहास नगर के लिए गौरवशाली है ऐसे में जल संरक्षण के स्रोतों को बचाए रखना सभी की जबावदेही है।
अंकित मालू
डीपीआर में बुधवारी तालाब को शामिल किया जाना अत्यंत आवश्यक है। वर्षों से शासकीय राशि का उपयोग केवल दलसागर तालाब में ही ज्यादा होता रहा है ऐसे में यदि बुधवारी के लिए डीपीआर बनेगी तो इस क्षेत्र का भी विकास व सौंदर्यीकरण हो जाएगा।
असलम बाबा
मुहिम को हमारा समर्थन है। गंदगी, अतिक्रमण व संरक्षण ना होने के कारण बुधवारी तालाब अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है। सभी नागरिकों को इस मुहिम को समर्थन देना चाहिए।
श्रीमति मनीषा चौहान
पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए दोनो तालाबों के साथ बुधवारी को भी शामिल किया जाना चाहिए। व्यक्तिगत तौर पर हम प्रयास करेंगे लेकिन यदि नगरपालिका व विधायक सांसद एकमत हो जाएं तो सब संभव है।