सिवनी/ छपारा: प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा देश में चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान की जमीनी हकीकत देखना हो तो 20 हजार से अधिक आबादी वाले छपारा नगर परिषद में देखी जा सकती है, जहां आजादी के बाद से अब तक सार्वजनिक सुलभ शौचालय एवं प्रसाधन तक नहीं बन पाया है। जबकि छपारा विकासखंड 2 सांसदों और 2 विधायकों का क्षेत्र है और दोनों सांसद और दोनों विधायक भाजपा के हैं।
उल्लेखनीय है कि छपारा विकासखंड 2 संसदीय क्षेत्र बालाघाट सिवनी और मंडला में आता है। इसी तरह इस विकासखंड में केवलारी और सिवनी विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है। हैरानी वाली बात तो यह है कि मंडला संसदीय क्षेत्र से भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते सांसद है वही बालाघाट सिवनी संसदीय क्षेत्र से भाजपा के डॉक्टर ढालसिंह बिसेन सांसद है।
इसी तरह केवलारी विधानसभा से भाजपा के राकेश पाल सिंह विधायक हैं वही सिवनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के ही दिनेश राय मुनमुन विधायक हैं। लेकिन दोनों सांसदों और दोनों विधायकों ने अब तक छपारा विकासखंड मुख्यालय में सार्वजनिक शौचालय एवं प्रसाधन के लिए कोई प्रयास अब तक क्यों नहीं किया। यह सवाल आम जनता माननीयों से पूछ रही है।
आखिर कब आयेगा छपारा स्वच्छ भारत की श्रेणी में?
मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत का गौरव प्राप्त छपारा पंचायत पिछले एक वर्षों से नगर परिषद बन चुका है। नगर की 20 हजार से अधिक आबादी है, लेकिन देश की आजादी के बाद से अब तक जनता के द्वारा चुने गए सांसदों विधायकों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का ध्यान नगर में सार्वजनिक सुलभ शौचालय एवं प्रसाधन की ओर अब तक क्यों नहीं गया है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
शर्मसार होती महिलाएं भटकती रहती हैं
देश में चलाए जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोलने और जमीनी हकीकत क्या है इसकी सच्चाई सिवनी जिले के NH 7 पर स्थित छपारा मुख्यालय पर देखी जा सकती है। जहां आजादी के बाद से अब तक छपारा मुख्यालय के हृदय स्थल बस स्टैंड और नगर के किसी भी जगह सार्वजनिक महिला शौचालय एवं प्रसाधन तक नहीं है।
जिसके चलते नगर के अलावा आसपास के सैकड़ों ग्रामों तथा बसों में सफर कर रही महिलाओं को छपारा बस स्टैंड में लघुशंका एवं शौच के लिए यहां-वहां भटकने के साथ-साथ शर्मसार भी होना पड़ता है। इसके अलावा छपारा नगर में सप्ताह में 2 दिन हाट बाजार लगता है और इस हाट बाजार में छपारा नगर के आस पास से सैकड़ों ग्रामों की महिलाओं का नगर में आगमन भी होता है।
लेकिन आये दिन यह देखा जाता है कि यह महिलाएं लघुशंका एवं शौच जाने के लिए यहां-वहां भटकने के साथ-साथ सार्वजनिक रूप से शर्मसार भी होती रहती हैं।