सिवनी, धारनाकला (एस. शुक्ला): शासन की समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत युद्ध स्तर पर प्रारम्भ तो हो चुकी है किन्तु अन्न दाता किसान को लूटने का क्रम भी बडी तेजी से जारी हो गया है और अन्न दाता किसान खरीदी केन्द्रो मे शासन प्रशासन की नाक के नीचे लुट रहा है किन्तु उसकी सुनने वाला कोई नही है.
ज्यादा तौली जा रही है धान
उल्लेखनीय है धान खरीदी केन्द्र मे शासन कै नियम के विपरीत किसानो से शोक के नाम पर प्रति क्विंटल एक से डेढ किलो धान ज्यादा ली जा रही है जबकि शासन के नियमानुसार किसान से बारदाना के आधा किलो बजन को जोडकर प्रति धान की कट्टी मे चालीस किलो पाच सौ ग्राम धान नियम मे है किन्तु किसान से 41 किलो 200से 300 ग्राम धान ली जा रही है इस प्रकार किसान से एक क्विंटल धान पर लगभग सवा किलो धान उपर ली जा रही है अगर किसी किसान का धान विक्रय का सौ क्विंटल धान का पंजीयन है तो उस किसान की एक से सवा क्विंटल धान धान खरीदी प्रभारी की जेब गर्म कर रही है.
सैकड़ो क्विंटल धान की हेराफेरी
यहा यह भी उल्लेखनीय है की धान खरीदी केन्द्रो मे चालीस से पचास हजार क्विंटल धान की खरीदी होना आम बात है और लगभग धान खरीदी केन्द्र मे एक से डेढ लाख धान की बोरियो मे किसानो की धान तुली जाती है और प्रत्येक बोरी मे किसान से लगभग 600 छै सौ ग्राम धान ज्यादा ली जा रही है इस मान से धान खरीदी प्रभारी लगभग पाच से छै सौ क्विंटल धान किसानो से एकत्रित कर लाखो रूपये की आय शासन प्रशासन की नाक के नीचे अर्जित कर रहा है पर इस ओर ध्यान देने वाला कोई नही
पैसा और राजनैतिक पकड के आधार पर हुऐ धान खरीदी केन्द्र आवंटित
यहा यह भी उल्लेखनीय है की वर्तमान मे वर्ष 2022 ‘/23 की धान खरीदी प्राप्त करने वाले चाहे वह सहकारिता समिति हो अथवा स्व सहायता समूह सभी की तरफ से राजनैतिक पकड और दबाव ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है यही कारण है की सिवनी जिले के सभी विकास खंड मे समूहो के द्वारा आवेदन तो प्रस्तुत किये गये
किन्तु उन्ही स्व सहायता समूहो को धान खरीदी का दायित्व मिला जिनकी राजनैतिक पकड हद से ज्यादा मजबूत थी और मजे की बात तो ये है की जिले मै लगभग जिन समूहो को राजनैतिक पकड के साथ धान खरीदी केन्द्र आवंटित हुऐ है उन समूहो को एक नही बल्कि दो दो धान खरीदी केन्द्र देकर शासन की योजना को पलीता लगाने मे कोई कसर नही छोडी गई है
जबकि अगर समूहो को धान खरीदी केन्द्र आवंटित करना ही था तो जिले के सभी विकास खंड के समूह के द्वारा आवेदन करने के बाद भी उनके आवेदनो को क्यो दरकिनार किया गया समझ से परे है और क्यो किसके इशारे पर शासन के नियमो को दरकिनार करते हुऐ एक ही समूह दो दो खरीदी केन्द्र आ वटित कर दिये गये
सहकारिता सभा पति एवं जनपद सदस्य ने किसानो के शोषण पर उठाए सवाल
बरघाट जनपद के सहकारिता सभापति एवं जनपद सदस्य गजानंद हरिनखेडे तथा राहुल उइके जनपद सदस्य ने अन्न दाता किसान के शोषण और लूट पर आपत्ति जाहिर करते हुऐ कहा है की जब शासन के निर्देश है की किसान से मापदंड के आधार पर चालीस किलो पाच सौ ग्राम ही धान लेना हो तो धान खरीदी केन्द्रो मे किसानो से क्विंटल पर एक से सवा किलो धान ज्यादा क्यो ली जा रही है जबकि खाली बोरी का बजन पाच से छै सौ ग्राम होने के बाद भी किसान से एक किलो से उपर का बजन काटकर धान काटा की जा रही है तथा किसान को खुलेआम लूटा जा रहा है
एक तरफ हमारे प्रदेश के मुखिया किसानो के हित का दम्भ भरते नही थकते वही दूसरी तरफ अन्न दाता किसान से अन्न की लूट हो रही है जो गलत है वही राहुल उइके जनपद ने यह भी कहा है की अगर किसानो से खरीदी केन्द्र मे इसी तरह ज्यादा धान का तौल किया जाता है तो वे इसका खुलकर विरोध करेगे तथा अन्न दाता किसान को खरीदी केन्द्रो मे लुटने नही देगे साथ किसानो से यह भी अपील की है की वे अपने हक के लिये इसका खुलकर विरोध करे ताकि किसानो का शोषण न हो सके साथ ही जिले के संवेदन शील जिला कलेक्टर से भी अपेक्षा व्यक्त की है इस ओर ध्यान देते हुऐ किसानो को शोषण से मुक्ति दिलाये