सिवनी (एस. शुक्ला): समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर जहा महिला स्व सहायता समूह पूर्व की भांति प्रयास करते नजर आ रहे है वही दूसरी तरफ आजीविका मिशन [एन आर एल एम ] की जिला प्रबंधक आरती चोपडा के द्वारा भी जिले के सभी महिला स्व सहायता समूह की महिलाओ को पारदर्शिता के साथ आत्म निर्भर बनाने के लिये स्व सहायता समूह की महिलाओ को शासन की गाइड के हिसाब से स्वयं कार्य करने की सलाह दी है.
ताकि किसी अन्य पर निर्भर रहकर कार्य न करने की सलाह और समझाइश देते हुऐ सरकार के सपने को साकार करने का प्रयास किया है जिसकी स्व सहायता समूह से जुडी महिलाओ ने भूरि भूरि प्रशंसा की है ञात हो की जिले मे एक दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत होना है.
तथा इसके लिये करीब 61 केन्द्र स्थापित किये जा चुके है जो की सहकारी समितियो को ही दिये गये बचे हुऐ केन्द्र सम्भवत सहकारी समितियो के साथ साथ महिला स्व सहायता समूहो को भी आवंटित करने की प्रक्रिया विभाग द्वारा की जा सकती है और इस सम्बध्द मे आजीविका मिशन एन आर एल एम से भी समूहो से सम्बंधित पूरी जानकारी अनुशंसा के साथ मांगी गई है
और यही कारण है की जिले के समस्त विकास खंड वार महिला समूहो के आवेदन पर तेजी से आजीविका मिशन के द्वारा जमा फाईल तथा आवेदनो पर जिला प्रबंधक आरती चोपडा के जांच कर महिला समूहो को ज्यादा से ज्यादा उपार्जन कार्य की जिम्मेदारी मिले इस दिशा मे प्रयास किये जाने के साथ ही ग्रामीण अचंल के महिला स्व सहायता समूहो को समझाईस के साथ खरीदी से सम्बंधित कार्यवाही पूर्ण की जा रही है.
सहकारी समितियो के साथ साथ समूहो पर भी है रिकवरी
उल्लेखनीय है की जहा सहकारी समितियो पर धान उपार्जन कार्य मे भारी शार्टेज की स्थिति सामने आई है वही दूसरी तरफ महिला स्व सहायता समूहो के द्वारा भी धान उपार्जन कार्य मे औसत मात्रा से कम धान के परिवहन के साथ भारी शार्टेज की स्थिति भी सामने आई है जो आज भी जिले के अनेको स्व सहायता समूहो पर लाखो की शार्टेज वसूली की कार्रवाई लम्बित है हालाकि कुछ समूहो के द्वारा एम पी स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सिवनी मे शार्टेज राशि भी जमा करते हुऐ अपने समूह को वसूली कार्रवाई से दूर रखा गया है.
धान उपार्जन कार्य मे जहा महिला समूहो को शासन स्तर पर प्राथमिकता तो दी जाती है किन्तु धान खरीदी केन्द्र मे महिलाओ की उपस्थिती बहूत कम होती है और खरीदी के कार्य का संचालन पुरूषो तथा अन्य के हाथो मे होता है ऐसी स्थिति मे शासन द्वारा महिला समूहो के माध्यम से महिलाओ को स्वावलंबन तथा आत्म निर्भरता से जोडने का शासन का संकल्प कैसे पूरा होगा इस सम्बध्द मे खरीदी केन्द्रो के निरिक्षण के दौरान भी जिला प्रबंधक आरती चोपडा के सामने यह परिस्थिती सामने आई है
उपार्जन केन्द्रो मे महिलाओ की अपेक्षा उनके परिवार तथा अन्य व्यक्तियो की उपस्थिति पाई गई है इन्ही सभी बातो को ध्यान मे रखते हुऐ जिला प्रबंधक आरती चोपडा के द्वारा महिला समूहो को आत्म निर्भर बनाने के कडे प्रयास किये जा रहे है और यही कारण है की कार्यालय मे महिलाओ की भारी उपस्थिति से इन्कार नही किया जा सकता अब यह तो आने वाला समय ही बतायेगा की जिला प्रबंधक के प्रयास का किस तरह प्रभाव महिलाओ पर पडता है