सिवनी। वर्तमान में सिवनी में पदस्थ अधिकारी के खिलाफ मामला सामने आया है। डिंडौरी में आदिवासी विकास विभाग में चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में तत्कालीन सहायकं आयुक्त अमर सिंह उईके पर मामला दर्ज होने के बाद नियम विरुद्ध आपरेटर भर्ती का मामला भी सुर्खियों में है।
पुलिस की एफआइआर में 28 लोगों को गलत तरीके से शासन के नियमों को ताक में रखकर भर्ती करने का आरोप है। मामला दर्ज होने के बाद से ही वर्तमान में सिवनी जिले में पदस्थ आरोपित सहायक आयुक्त अमर सिंह का मोबाइल बंद है।
पुलिस गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। मामला दर्ज होने के बाद से ही आदिवासी विकास विभाग में हड़कंप की स्थिति है। जिन कर्मचारियों और फर्म संचालकों के नाम से संबंधित राशि जारी हुई है, उनमें से कई गायब हो गए हैं।
28 लोगों को गलत तरीके से किया था भर्ती :
फरवरी 2019 से जनवरी 2021 के बीच डिंडौरी में सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ रहने के दौरान सहायक आयुक्त अमर सिंह ने नियम विरुद्ध भर्तियां की थीं। उसके विरुद्ध दर्ज की गई एफआइआर में भर्ती घोटाले का उल्लेख है।
पुलिस का कहना है कि अमर सिंह ने कंप्यूटर आपरेटर और सहायक ग्रेड-तीन के कुल 28 पदों में मनमाने तौर पर नियुक्ति आदेश जारी किया था। नियुक्ति करने में न तो कोई पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई और न ही शासन के निर्देशों का पालन किया गया। 2021 में जांच के बाद अनियमितता उजागर हुई और सभी भर्तियां निरस्त की गई थीं। इन कर्मचारियों के नियुक्ति संबंधी आदेश भी कार्यालय से गायब मिले हैं।
जांच में इस मामले को भी शासकीय राशि का छल पूर्वक गबन करना पाया गया है।. इन कर्मचारियों को ग्रेड पे के आधार पर लंबे समय तक वेतन भी दिया गया है।
इन मदों से हुई निकासी
अमरसिंह उइके के द्वारा राज्य छात्रवृत्ति योजना राशि 1176000 रुपए, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना राशि 752872 रुपए, अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति राशि 6413992 रुपए, रेडक्रास मद की राशि 1815363 रुपए, क्रीड़ा मद की राशि 4288862 रुपए, स्काउट एवं गाइड मद की राशि 579600 कुल राशि 25997577 रुपए की राशि का भुगतान / आहरण उचित प्रक्रिया का पालन न करते हुए संदेहास्पद तरीके से किया जाना एवं वित्तीय अनियमितता पाई गई थी।।
जिसकी रिपोर्ट आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग भोपाल को भेजी गई थी जिसके बाद आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने राज्य स्तरीय जांच दल का गठन एक मई 2023 को किया था। जांच दल ने पाया कि विभिन्न बैंक के सात खातों से नियम विरूद्ध फर्जी तरीके से आहरण भुगतान किया गया।
जांच में यह भी पाया गया कि उइके द्वारा कार्यालय सहायक आयुक्त डिंडौरी के प्रभार में रहते हुए स्कॉलरशिप वितरण हेतु खोले गए खातों से बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन कर समस्त राशि का आहरण कर खाते का शेष शून्य कर दिया गया था। जो कि प्रथम दृष्टया छलपूर्वक फर्जी आहरण प्रतीत होता है। उक्त बैंक खातों की कैशबुक शाखा प्रभारियों द्वारा संधारित नहीं की गई थी। कार्यालय में कैशबुक और स्टॉक पंजी भी नहीं हैं।
क्या है मामला- डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने तत्कालीन जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्तअमर सिंह उइके के विरुद्ध छात्रवृति के गबन का मामला दर्ज कराया। उइके द्वारा पद पर रहते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के गबन का आरोप है।
मामले में पुलिस ने धारा 420, 409, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। गबन की राशि दो करोड़ 59 लाख 97 हजार 577 रुपए है। अमर सिंह उइके पर कार्यालय के कर्मचारियों की अनियमित नियुक्तिके आदेश और कार्यालय के बैंक खातों की हेराफेरी का भी आरोप है।
नहीं जा रहे दफ्तर – मामला दर्ज होने पर सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं उनका फोन भी बंद जा रहा है। ऑफिस में मौजूद दूसरे कर्मचारी उइके के बारे में कोई भी बात करने से परहेज कर रहे हैं। एफआईआर होने की सूचना मिलते ही सिवनी में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि अमर सिंह उइके जमानत जैसे दूसरे कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
इस मामले में अनुराग जामदार, थाना प्रभारी, कोतवाली ने बताया कि आरोपित का मोबाइल बुधवार से ही बंद आ रहा है। गिरफ्तारी के लिए टीम रवाना की जाएगी। घोटाले की राशि से उपकृत कर्मचारियों और फर्म संचालकों को भी पूछताछ करने के लिए तलब किया जाएगा।