सिवनी : पेंच परियोजना सिवनी जिले के लिए एक वरदान साबित हो सकती थी, किंतु भ्रष्टाचार और घटिया राजनीति के चलते ये योजना भी बर्बादी के कगार पर है। जहां एक तरफ घटिया निर्माण कार्य हुआ है, वहीं दूसरी तरफ कई गांवों में अब भी कार्य अधूरा है।
प्रमुख रूप से 11 गांव जिनमें तिघरा, पुसेरा, खापा, घोंटी,टिकारी, नरेला, क़ुदवारी,छूआई, भोंगाखेड़ा,गंगई और गरठिया हैं, यहां अब तक किसान नहर की प्रतीक्षा में हैं।
पिछले कई सालों से जनप्रतिनिधि व अफसर हर बार पानी आने का आश्वासन देते रहे पर काम नहीं हुआ , किसान इनके झूठे वादे सुन सुन कर अब काफी नाराज नजर आने लगा है ।
वहीं अधूरी नहर बना कर ठेकेदार गायब हो गया व नहर का आफिस यहां से बंद कर छिंदवाड़ा शिफ्ट करा दिया गया है ।
इस बार इन सभी प्रभावित गांवों के किसानों ने मिलकर सिवनी के गांधी भवन चौक में बड़ी संख्या में इकठा होकर रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया, ज्ञापन में किसानो ने प्रशासन को 1 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है, अगर तब तक किसानों के खेत में पेंच नहर का पानी नहीं पहुँचा तो जिला मुख्यालय में सभी प्रभावित गांवों के किसानों द्वारा व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
अगर अर्थव्यवस्था के हिसाब से भी देखा जाए तो अब तक पानी न मिलने की वजह से इन गांवों की हज़ारों हेक्टेयर जमीन अब तक सिंचित नही हो पाई जिससे पिछले 4 वर्षों में अब तक इन 11 गांवों को करीबन 100 करोड़ रुपियों का नुकसान हो चुका है ।
प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से भरोसा उठ जाने की वजह से अब यहाँ के किसानों ने प्रशासन को 1 नवंबर तक का समय दिया है, इस समय सीमा में यह काम पूरा नहीं होता है तो उसके बाद सभी किसान ‘किसान सत्याग्रह” मंच के साथ बड़ा आंदोलन करेंगे।