सिवनी – अधिकांश अशासकीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं के परिवहन हेतु स्कूल बसों की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। स्कूलों द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहन मानक युक्त हो ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना का भय न रहे l इस हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्कूल बसों एवं अन्य 4 पहिया वाहनों के लिए मानक मापदंड जारी किये गये है। मापदंड अनुरूप स्कूल बस अथवा अन्य 4 पहिया वाहनों का रंग पीला होना चाहये तथा वाहन के सामने, पीछे व दोनो तरफ स्कूल का नाम लिखा होना चाहिये, यदि स्कूल वाहन स्वयं स्कूल का नहीं है, अनुबंधित हो तो उसमें on school duty लिखा होना चहिये। स्कूल वाहन में नीले रंग से ड्राईवर का नाम, पता, लाइसेंस नंबर तथा बस का रजिस्ट्रेशन नं एवं स्कूल संचालक या स्कूल का टेलीफोन नं. लिखा होना चाहिये, स्कूल वाहन में स्कूल बैग रखने हेतु पर्याप्त जगह होना चाहिये, स्कूल वाहन के दरवाजे दुरूस्त हो व चलती गाडी में दरवाजा लॉक होना चाहिये, स्कूल बस में मुख्य दरवाजा सहित एक आपातकाल दरवाजा होना चहिये, स्कूल बस में कम से कम 2 अग्निशमन यंत्र होना चाहिये, स्कूल
वाहन में स्पीड गवर्नर होना चाहिये व वाहन की गति 40 कि.मी. से तेज नहीं होना चाहिये, स्कूल वाहन में जी.पी.एस. सिस्टम तथा सी.सी.टी.वी. कैमरा हमेशा चालू हालत में होना चाहिये, वाहन में क्षमता से अधिक बच्चे नहीं होना चाहिए, बच्चों को उतारने-चढाने हेतु एक सहायक व एक सहायिका होनी चाहिये, स्कूल बस में एक महिला अटेंडेंट होना अनिवार्य है, वाहन में फस्ट एड बॉक्स व पीने का पानी की व्यवस्था होनी चाहिये, स्कूल वाहन में एक मोबाईल फोन होना चाहिये जो आपातकाल के वक्त उपयोग किया जा सके, वाहन चालक को कम से कम 05 वर्ष वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिये तथा प्रतिवर्ष मेडिकल चेकअप होना चाहिये, इसके अतिरक्ति ड्राईवर तथा कंडेक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य है, ड्राईवर को शासन अथवा संस्था द्वारा निर्धारित यूनिफार्म पहने रहना चाहिये, वाहन रजिस्टर्ड तथा बीमाकृत होना चाहिये, 15 वर्ष से पुराने वाहनों को स्कूल बस हेतु परमिट नहीं दिया जावे। इस संबंध में स्कूल संचालकों एवं अभिभावकों को सतर्क रहने की अपील की है तथा मापदंड अनुरूप वाहन न पाये जाने पर इसकी जानकारी कलेक्टर कार्यालय व क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में देने की अपील की है।
निर्धारित मापदंड की स्कूली बसो की जानकारी दे पालक- गोपालचन्द्र
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