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सिवनी में धान उपार्जन केन्द्रों के आवंटन में अनियमितता

By SHUBHAM SHARMA

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सिवनी जिले में धान उपार्जन केन्द्रों के आवंटन में अनियमितता की शिकायतें सामने आ रही हैं। आरोप है कि नियमों का उल्लंघन कर एक वर्ष के महिला स्व सहायता समूहों को केन्द्र आवंटित किए गए हैं। जबकि वर्षों से संचालित समूहों को तरजीह नहीं दी गई है।

जहाँ एक तरफ देश के प्रधानमन्त्री और प्रदेश के मुखिया महिला स्व सहायता समूह के माध्यम महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने के प्रयास में अनेक योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को भागीदारी से जोड़ा जा रहा है। वही दूसरी तरफ जिनके हाथों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बागडोर है उन्हीं के द्वारा वर्षों से सम्बल स्व सहायता समूहों को परेशान करने तथा अपात्र स्व सहायता समूहों के ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने का जैसे सम्बंधित अधिकारियों ने ठेका सा लेकर रख लिया है।

और यही कारण है कि वर्षों से संचालित महिला स्व सहायता समूह के पास धान उपार्जन नीति के तहत धन नहीं। वही दूसरी तरफ एक वर्ष के महिला स्व सहायता समूह के पास दस लाख रूपये की व्यवस्था कैसे हो गई इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। महिला स्व सहायता समूह में भी ठेकेदारी प्रथा जमकर हावी हो गई है। जिसका नजारा विगत एक सप्ताह से जिला पंचायत तथा एनआरएलएम कार्यालय के साथ खाद्य विभाग में देखा जा सकता है।

नियमों का उल्लंघन

उल्लेखनीय है कि धान उपार्जन केन्द्र महिला स्व सहायता समूहों के नियमानुसार आवंटित हो इस दिशा में नियम बनाये गये थे। जिसमे सबसे महत्वपूर्ण नियम यह था कि महिला स्व सहायता समूह का बैंक से लेन-देन ठीक होने के साथ बैंक की तीन बार की ग्रेडिंग अथवा सीसी लिमिट का होना अनिवार्य तथा समूह के खाते में दो लाख रूपये अमानत के साथ बैंक से लेन-देन भी सुचारू हुआ हो।

एनआरएलएम के नियम पर क्या समूह का चयन सही है?

किन्तु क्या एक वर्ष के समूह के बैंक की तीन ग्रेडिंग सीसी लिमिट पाई गई है? जिस ओर बारीकी से जांच करना तो दूर कार्यालय में फाइल नियम विरुद्ध तरीके से फाइनल होते चली गई और वर्षों से संचालित समूह तो दूर होते चले गए तथा चन्द समय के गठित स्व सहायता समूह ठेकेदारी के बल पर ऑनलाइन पोर्टल पर ड्राप डाउन नीति में दिखाई देने लगे। और शासन की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प भी पूरा हो गया।

वर्षों से संचालित समूहों को तरजीह नहीं

सिवनी जिले में सैकड़ों महिला स्व सहायता समूह वर्षों से संचालित हैं। इन समूहों ने शासन की कई योजनाओं में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन इन समूहों को धान उपार्जन केन्द्रों के आवंटन में तरजीह नहीं दी गई है।

ड्राप डाउन प्रक्रिया से पहले ही आवंटन

धान उपार्जन केन्द्रों के आवंटन की प्रक्रिया में ड्राप डाउन प्रक्रिया भी शामिल है। ड्राप डाउन प्रक्रिया में भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर केन्द्रों का आवंटन किया जाता है। लेकिन सिवनी जिले में ड्राप डाउन प्रक्रिया से पहले ही केन्द्रों का आवंटन कर दिया गया है।

सिवनी में धान उपार्जन केन्द्रों के आवंटन में अनियमितता की शिकायतें गंभीर हैं। इन शिकायतों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, नियमों का पालन करते हुए धान उपार्जन केन्द्रों का आवंटन किया जाना चाहिए।

यहाँ यह बताना भी लाजिमी है कि धान उपार्जन केन्द्र प्राप्त करने के लिये महिला स्व सहायता समूह की फाइल तैयारी और जमा के पूर्व ही धान उपार्जन केन्द्र फिक्स कर दिये गये। जबकि यह प्रक्रिया तब प्रारम्भ होती है जब भारत संचनालय से ड्राप डाउन में समूहों के नाम प्रदर्शित होते हैं। किन्तु सिवनी जिले में पहले ही उपार्जन केन्द्र फिक्स होने के चलते महिला समूह अपनी मनमर्जी के उपार्जन केन्द्र जो उनके द्वारा शुरूआत में ही फिक्स करा लिये गये थे में विवाद की स्थिति बनने लगी।

और खाद्य विभाग के अधिकारों का हनन भी इस प्रक्रिया के तहत सामने आया है। वैसे अब तक शासकीय प्रक्रिया के तहत 66 उपार्जन केन्द्र पहले ही आवंटित हो चुके हैं तथा ड्राप डाउन प्रक्रिया में 19 महिला स्व सहायता समूहों के नाम भी प्रदर्शित हो चुके हैं। उपार्जन केन्द्र स्थापन प्रक्रिया में स्थान को लेकर विवाद की स्थिति सामने आने से महिला स्व सहायता समूह जो वर्षों से संचालित हैं। वर्तमान के एक वर्षीय महिला समूह की ठेकेदारी प्रथा से पीड़ित और परेशान नजर आ रहे हैं।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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