सिवनी पत्रकार वार्ता में हिंगलाज सेना ने रखे विचार
सिवनी – रामलला हम आयेंगे मंदिर वहीं बनायेंगे का नारा देकर जो पाटी सत्तारूढ़ी वही मंदिर का दूसरा ही रूप दिखा रही है। कुछ लोगों द्वारा नकली शंकराचार्य गढ़े है और उनको अपना पिछलग्गु बनाया है।
वासुदेवानन्द जैसे अयोग्य व्यक्ति को इन्होंने सर्वोच्च गुरू पर मान्यता देकर सनातनधर्म का बहुत हास्य किया है और इससे भी पता चलता है कि जिस संस्था का चरित्र हो वह ईश्वर की गरिमा का भी अवमूल्यन ही करेंगे। उक्त उदगार रजवाड़ा में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के शिष्य ब्रम्हविद्यानंद महाराज ने व्यक्त किये।
आपने आगे कहा कि सवाल मंदिर का नही राम एक महापुरूष हौ और उनकी जन्मभूमि में हमे उनका एक स्मारक बनाना है। अब इसके पश्चात प्रधानमंत्री यह बोलते है कि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में हम भव्य मंदिर बनाने के लिये एक ट्रस्ट घोषित करते है। ट्रस्ट में गृहस्थ पराशरन की अध्यक्षता में कुछ साधु और सरकारी कर्मचारी कलेक्टर,सचिव श्रेणी के लोग शाामिल किये गये है।
इस प्रकार के ट्रस्ट को देखते हुए यही सिद्ध होता है कि कुछ लोग इसे स्मारक तो कुछ मंदिर कह रहे है। अगर पारंपरिक वैष्णव मंदिर बनाना उनका लक्ष्य होता तो ट्रस्ट में सरकारी व्यक्तियों का समावेश संविधान विरूद्ध हो जायेगा।
इस अवसर पर हिंगलाज सेना की प्रमुख लक्ष्मीमणी देवी ने कहा कि नृत्यगोपालदास को न्याय की अध्यक्षता का आश्वासन दिया जा रहा है। न्यास में सम्मिलित होने के इच्छुक लोगों से हमारा अनुरोध है कि वे पहले जान तो लें कि वे किस उद्देश्य वाले न्यास में सम्मिलित हो रहे है। यह मंदिर न्यास है या स्मारक न्यास है। हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट से रामलला जीते है। रामल