सिवनी, (मध्य प्रदेश): काठमांडू, नेपाल में शास्त्रीय अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव में सिवनी जिले की प्रख्यात कथक नृत्यांगना डॉ. गुंजन तिवारी ने अपने अद्वितीय प्रदर्शन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस महोत्सव का आयोजन भक्ति, शक्ति और शांति पर आधारित था, जिसमें डॉ. गुंजन तिवारी ने अपनी कला से हर किसी को प्रभावित किया। उनके नृत्य प्रदर्शन ने न केवल भारतीय शास्त्रीय नृत्य की गरिमा को बढ़ाया, बल्कि सिवनी शहर का नाम भी रोशन किया।
गुंजन तिवारी कथक ‘नृत्य मणी सम्मान-2024’ से सम्मानित
इस प्रतिष्ठित महोत्सव में डॉ. गुंजन तिवारी को उनके उत्कृष्ट कथक नृत्य प्रदर्शन एवं नृत्य के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए कथक ‘नृत्य मणी सम्मान-2024’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके परिश्रम और नृत्य के प्रति उनकी अटूट समर्पण का प्रतीक है। डॉ. गुंजन तिवारी की इस उपलब्धि ने सिवनी शहर को गर्वित किया है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में गुंजन तिवारी का नाम दर्ज
डॉ. गुंजन तिवारी ने इससे पूर्व भी अपने नाम को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया था। यह उपलब्धि उनके अद्वितीय नृत्य कौशल और नृत्य के क्षेत्र में उनकी अनवरत प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर के सम्मानों से भी स्वयं को सम्मानित कराया है, जो उनके नृत्य कौशल और नृत्य के प्रति उनके अद्वितीय समर्पण को दर्शाता है।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में अतिथि व्याख्याता
वर्तमान में, डॉ. गुंजन तिवारी इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कथक नृत्य विभाग में अतिथि व्याख्याता के पद पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव से कई विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया है, जिससे वे नृत्य की जटिलताओं और उसकी सुंदरता को समझ सकें। डॉ. गुंजन तिवारी का यह योगदान नृत्य शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
परिवार और समाज की खुशी
डॉ. गुंजन तिवारी की इस शानदार उपलब्धि से उनके पिता अरविंद कुमार तिवारी, माता शशिकला तिवारी, भाई नयन तिवारी और बहन अनुश्री तिवारी सहित परिवार के सभी सदस्य अत्यंत प्रफुल्लित हैं। इस उपलब्धि पर उनके परिजन व कला क्षेत्र से जुड़े हुए सभी लोग गर्वित महसूस कर रहे हैं। यह सम्मान न केवल तिवारी परिवार के लिए बल्कि पूरे सिवनी शहर के लिए गर्व की बात है।
नृत्य कला में डॉ. गुंजन तिवारी का योगदान
डॉ. गुंजन तिवारी का नृत्य के क्षेत्र में योगदान अतुलनीय है। उन्होंने अपनी कला से न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी पहचान बनाई है। उनकी नृत्य शैली में न केवल तकनीकी कौशल बल्कि भावनात्मक अभिव्यक्ति भी देखने को मिलती है। उनकी प्रस्तुतियों में शास्त्रीय तत्वों के साथ-साथ आधुनिकता का भी समावेश होता है, जिससे वे सभी उम्र के दर्शकों को प्रभावित करती हैं।
भविष्य की योजनाएँ और योगदान
डॉ. गुंजन तिवारी का नृत्य के प्रति समर्पण उन्हें निरंतर नई ऊँचाइयों की ओर ले जा रहा है। वे भविष्य में भी नृत्य के क्षेत्र में अपना योगदान जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी योजनाओं में न केवल नृत्य प्रस्तुतियाँ शामिल हैं बल्कि नृत्य शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी वे अपने योगदान को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
नृत्य के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
डॉ. गुंजन तिवारी के नृत्य में भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और संवर्धन स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। वे अपने नृत्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता को प्रस्तुत करती हैं। उनकी प्रस्तुतियों में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक तत्वों का समावेश होता है, जो दर्शकों को न केवल मनोरंजन प्रदान करता है बल्कि उन्हें संस्कृति के प्रति जागरूक भी करता है।
डॉ. गुंजन तिवारी की प्रेरणादायक यात्रा
डॉ. गुंजन तिवारी की नृत्य यात्रा प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने कठिन परिश्रम और नृत्य के प्रति अपने अद्वितीय समर्पण से अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनकी यह यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणास्रोत है जो अपने क्षेत्र में कुछ बड़ा हासिल करना चाहता है। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि अगर आपके पास प्रतिभा है और आप मेहनत करने के लिए तैयार हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।