पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस सिवनी में महान आंचलिक रचनाकार फणीश्वरनाथ रेणु की जयंती पर हुआ आयोजन

रेणु के साहित्य में धड़कता है लोक जीवन

SHUBHAM SHARMA
5 Min Read
PM College Of Excellence Seoni में महान आंचलिक रचनाकार फणीश्वरनाथ रेणु की जयंती पर हुआ आयोजन

हिंदी साहित्य के महान कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु की 104वीं जयंती के अवसर पर पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के हिंदी विभाग में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लघु वृत्तचित्र और वक्तव्य के माध्यम से विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने रेणु के अमूल्य योगदान को याद किया। हिंदी साहित्य में आंचलिकता को स्थापित करने में रेणु की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया गया।

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कार्यक्रम का शुभारंभ सुभद्रा कुमारी चौहान कक्ष में फणीश्वरनाथ रेणु के छायाचित्र पर पुष्प अर्पण के साथ हुआ। हिंदी परिषद् के छात्र पदाधिकारी, शिक्षक और प्राध्यापक इस श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित रहे।

विशेष वक्ता प्रो. सत्येन्द्र कुमार शेन्डे ने अपने संबोधन में कहा कि फणीश्वरनाथ रेणु हिंदी और विश्व साहित्य के महान रचनाकारों में से एक हैं। वे भारतीय लोक जीवन के सबसे बड़े कथा गायक थे। उन्होंने साहित्य में आम बोलचाल की भाषा को प्रतिष्ठा दिलाई। रेणु का सबसे बड़ा योगदान हिंदी साहित्य में आंचलिकता की स्थापना करना रहा। उन्होंने अपने साहित्य में लोक जीवन की धड़कन को उकेरा।

उन्होंने यह भी बताया कि 1950 की नेपाल जनक्रांति और 1974 के जे.पी. आंदोलन में रेणु की भूमिका अग्रगण्य रही। उनके कालजयी उपन्यास ‘मैला आँचल’ को हिंदी साहित्य की एक अमूल्य धरोहर माना जाता है।

रेणु की साहित्यिक विरासत

विशेष वक्ता डॉ. सविता मसीह ने अपने उद्बोधन में कहा कि फणीश्वरनाथ रेणु आज भी हिंदी साहित्य के अत्यंत लोकप्रिय साहित्यकार हैं। उनकी रचनाएँ शोषण और जातिवाद के खिलाफ एक सशक्त आवाज़ के रूप में उभरीं। उन्होंने कहा कि कोसी नदी के अकाल और बाढ़ पर आधारित उनकी कृति ‘ऋण जल धन जल’ को अवश्य पढ़ना चाहिए। साथ ही उनकी प्रसिद्ध कहानियाँ ‘लाल पान की बेगम’, ‘ठेस’ और ‘तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम’ भी हिंदी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं।

वृत्तचित्र का प्रदर्शन

फणीश्वरनाथ रेणु के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र को इस कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया, जिससे विद्यार्थियों को उनके साहित्यिक योगदान से परिचित कराया गया। वृत्तचित्र को डॉ. सविता मसीह के निर्देशन में दिखाया गया।

इसके साथ ही उनकी कालजयी कहानी ‘तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम’ पर आधारित फिल्म ‘तीसरी कसम’ के भावुक दृश्यों को भी प्रदर्शित किया गया। यह फिल्म राज कपूर और वहीदा रहमान के अभिनय से सजी एक क्लासिक कृति है, जो सिनेमा और साहित्य के गहरे संबंधों को दर्शाती है।

रेणु के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा

जनभागीदारी शिक्षक अमितोष सनोडिया और छाया राय ने भी रेणु के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रेणु के साहित्य में ग्रामीण भारत की सच्ची झलक मिलती है। उनके पात्र समाज के हाशिए पर खड़े लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनकी कहानियों में गांव की संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराएँ जीवंत रूप से उभरती हैं।

महत्वपूर्ण साहित्यिक योगदान

रेणु का साहित्य हिंदी साहित्य में सामाजिक यथार्थवाद को गहराई से प्रस्तुत करता है। उनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं:

  • ‘मैला आँचल’ – हिंदी का पहला आंचलिक उपन्यास, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम, ग्रामीण जीवन और सामाजिक संघर्ष का चित्रण किया गया है।
  • ‘परती परिकथा’ – इसमें बिहार के किसानों के संघर्ष को दर्शाया गया है।
  • ‘कितने चौराहे’ – यह उपन्यास समाज की बदलती परिस्थितियों और संघर्ष को रेखांकित करता है।
  • ‘ठेस’ – एक संवेदनशील कहानी जो मानवीय भावनाओं को गहराई से प्रस्तुत करती है।
  • ‘तीसरी कसम’ – यह एक अमर प्रेम कहानी है, जिसे बाद में फिल्म के रूप में प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में विशिष्ट जनों की उपस्थिति

कार्यक्रम में राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना नावकर, हिंदी परिषद् के छात्र पदाधिकारी अंबिका मिश्रा, मेहुल सिंह बिसेन, मयंक सेन, निकिता पंचेश्वर, रानी पगारे सहित बड़ी संख्या में यूजी और पीजी के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। इसके अलावा, कॉलेज स्टाफ के सदस्य सुनीता नागले भी इस विशेष अवसर पर उपस्थित रहीं।

फणीश्वरनाथ रेणु का साहित्य आज भी हिंदी साहित्य के प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्रोत बना हुआ है। उनके साहित्य में ग्रामीण भारत की जीवंत झलक, सामाजिक समस्याओं का चित्रण और मानवीय संवेदनाओं की गहराई देखने को मिलती है। उनकी जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक रहा और उनके साहित्य को गहराई से समझने का अवसर प्रदान किया।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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