Hartalika Teej Vrat: मंगलवार 30 अगस्त हरतालिका (तीज) व्रत पर विशेष: स्त्रियों के सौभाग्य का रक्षक त्याग, तपस्या, श्रद्धा एवं विश्वास का प्रतीक हरितालिका व्रत परम पवित्र एवं सौभाग्य तथा पुत्र – पौत्रादि की वृद्धि करने वाला है स्वयं माता पार्वती ने त्याग एवं कठिन तपस्या के द्वारा इस व्रत के माध्यम से भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था.
यह व्रत भारतवर्ष के प्रायः सभी स्थानों में किसी न किसी रूप में अवश्य मनाया जाता है इस व्रत को स्त्रियां बड़े ही त्याग, तपस्या एवं निष्ठा के साथ धारण करती हैं इस व्रत में फलाहार लेना तो दूर वह जल तक नहीं पीती हैं
दिन रात निराहार रहकर दूसरे दिन शिव पार्वती की प्रतिमा का विसर्जन करके फिर ब्राह्मण एवं सौभाग्यवती स्त्रियों को सौभाग्य की वस्तुएं एवं सीधा देकर वह व्रत का पारण करती हैं यह व्रत हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है यदि इस व्रत में हस्त नक्षत्र का योग मिल जावे तो बहुत ही श्रेष्ठ फलदायक होता है l
प्रथम बार व्रत प्रारंभ करने वाली स्त्रियों एवं कन्याओं के लिए इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है-: मंगलवार 30 अगस्त को सूर्य मघा नक्षत्र में एवं चंद्रमा हस्त नक्षत्र में विद्यमान रहेंगे सूर्य के मघा नक्षत्र का तीजा बहुत ही उत्तम फलदायक माना जाता है इसे बोलचाल की भाषा में मघा का तीजा कहते हैं
ऐसी मान्यता है कि मघा के तीजा में प्रथम बार व्रत आरंभ करने से यह व्रत आजीवन निर्विघ्न चलते रहता है एवं सुख सौभाग्यादि की वृद्धि करता है इस वर्ष तो सूर्य के मघा नक्षत्र के साथ ही मंगलवार तीज तिथि में चंद्रमा हस्त नक्षत्र पर है जिस समय पार्वती जी ने यह व्रत किया था
उस समय चंद्रमा हस्त नक्षत्र में ही विद्यमान था अतः हस्त नक्षत्र से युक्त तृतीया तिथि को बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है साथ ही ज्योतिष के अनुसार यदि तृतीया तिथि को मंगलवार पड़े तो सिद्धि दायक योग बन जाता है इस वर्ष हरितालिका तीज के दिन गुरु एवं शुक्र भी उदित हैं
इस प्रकार सूर्य के मघा नक्षत्र में एवं चंद्र के हस्त नक्षत्र में रहने पर गुरु शुक्र के उदित रहते हुए इस वर्ष प्रथम बार व्रत प्रारंभ करने वाली स्त्रियों एवं कन्याओं के लिए यह तीजा अत्यंत ही शुभ फलदायक है l इस वर्ष मंगलवार को तृतीया तिथि सूर्योदय से लेकर दोपहर 3:33 बजे तक रहेगी
उसके बाद चतुर्थी तिथि का समावेश होगा इस प्रकार तृतीय एवं चतुर्थी का योग बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है ऐसे योग में व्रत करने से हजारों गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है एवं सुख सौभाग्य तथा पुत्र पौत्रादि की वृद्धि होती है
इसी दिन हस्त नक्षत्र सूर्योदय से लेकर दिनभर एवं रात्रि 11: 50 बजे तक रहेगा इस प्रकार इस वर्ष चतुर्थी युक्त तृतिया के साथ हस्त नक्षत्र का योग श्रेष्ठतम फलदायक योग बना रहा है ।
मंगलवार को व्रत प्रारंभ करने के संकल्प का मुहूर्त-: किसी भी व्रत मे संकल्प करके ही व्रत धारण करना चाहिए बिना संकल्प किए व्रत धारण करना फलदायक नहीं माना जाता व्रत के दिन संकल्प अवश्य करना चाहिए
इस वर्ष व्रत आरंभ करने के संकल्प के मुहूर्त इस प्रकार हैं प्रातः 6:30 बजे से प्रातः 8:24 बजे तक प्रातः 10:00 बजे से प्रातः 11:46 बजे तक अमृत काल में इसी प्रकार सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 11:47 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक अमृत काल एवं अभिजित् मुहूर्त में l
रात्रि में पूजन प्रारंभ करने का शुभ मुहूर्त-: रात्रि में प्रथम पहर में पूजन प्रारंभ करने का शुभ मुहूर्त रात्रि 8:03 बजे से रात्रि 9:12 बजे तक उल्लेखनीय है कि हरितालिका व्रत में रात्रि के चारों प्रहरों में पूजन करना एवं जागरण करने का अत्यधिक महत्व है l
हरितालिका व्रत का पारण (व्रत की समाप्ति)-: हरितालिका व्रत का पारण दूसरे दिन बुधवार 31 अगस्त को सूर्योदय के बाद तथा दोपहर 3:22 के पहले कर लेना चाहिए l
गणेश चतुर्थी में गणेश स्थापना एवं पूजन का शुभ मुहूर्त-: इस वर्ष गणेश चतुर्थी का व्रत एवं स्थापना बुधवार 31 अगस्त को होगी इस दिन गणेश पूजन एवं स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 8:05 बजे से सुबह 9:12 बजे तक अमृत काल में श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा दूसरा मुहूर्त 9:30 बजे से दोपहर 11:36 बजे तक भी श्रेष्ठ मुहूर्त है
वैसे तो गणेश जी का जन्मोत्सव मध्यान्ह काल में मनाना चाहिए परंतु इस वर्ष बुधवार होने के कारण अभिजित् मुहूर्त नहीं मिलेगा एवं राहुकाल भी रहेगा ऐसी स्थिति में दोपहर 11:36 बजे के पहले ही पूजन एवं स्थापना का संकल्प कर लेना चाहिए
संकल्प हो जाने के बाद फिर स्थापना एवं पूजन करने में कोई दोष नहीं होता अतः किसी भी स्थिति में दोपहर 11:36 बजे से पहले पूजन एवं स्थापना का संकल्प करके पूजन प्रारंभ कर देना चाहिए ।
- मंगलवार 30 अगस्त हरितालिका(तीजा) व्रत पर विशेष
- इस वर्ष मघा एवं हस्त नक्षत्र से युक्त तीजा व्रत अत्यंत श्रेष्ठ फल दायक l
- प्रथम बार व्रत धारण करने वाली स्त्रियों एवं कन्याओं के लिए इस वर्ष का तीजा अत्यंत उत्तम फलदायक एवं सौभाग्य वर्धक है l
- मंगलवार 30 अगस्त को व्रत के संकल्प करने का शुभ मुहूर्त प्रातः 6:30 बजे से प्रातः 8:24 बजे तक l
- द्वितीय मुहूर्त प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 11:46 बजे तक अमृत काल में l
- तृतीय एवं सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 11:47 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक अमृत काल एवं अभिजित् मुहूर्त में कुल 50 मिनट l
- रात्रि में पूजन करने का शुभ मुहूर्त 8:03 बजे से रात्रि 9:12 बजे तक महेंद्र काल में l
आरके श्रीवास्तव | ज्योतिर्विद् | स्वर्ण पदक प्राप्त