केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को लेकर आगाह किया है. सरकार का कहना है कि अगर यह गलत साबित हुआ तो मरीज के लिए जोखिमभरा भी हो सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस के इलाज के अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. अगर ये गलत साबित हुआ तो जोखिम वाला साबित हो सकता है.
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर अभी प्रयोग चल रहा है. अभी इसे लेकर प्रयोग के स्तर पर काम किया जा रहा है. ICMR इस पर काम कर रहा है. जब तक वह नैदानिक अनुसंधान और ट्रायल्स को लेकर कोई अप्रूवल नहीं देता है तब तक प्लाज्मा थेरेपी से संबंधित किसी दावे को करना अनुचित होगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अगर इसके इस्तेमाल में कोई चूक हुई तो यह मरीजों के लिए जोखिम भरा भी हो सकता है. ICMR पहले से ही इस पर अध्ययन कर रहा है. जब तक इसे मंजूरी नहीं मिल जाती है तब तक इसका इस्तेमाल न करें. यह मरीज के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
बिना अनुमति न करें इस्तेमाल
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि इसका इस्तेमाल सिर्फ अनुसंधान के लिए किया जा रहा है. इसमें कहीं भी चूक हुई तो वह मरीजों के लिए जोखिम भरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने ICMR के बिना अनुमति के इसका इस्तेमाल किया तो उसे गैरकानूनी माना जाएगा
बहरहाल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश में कोरोना वायरस के कुल केस बढ़कर 29435 हो गए हैं. जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के 1543 नए केस सामने आए हैं. देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 684 मरीज इलाज से ठीक हुए हैं. 21,632 लोगों को मेडिकल निगरानी में रखा गया है. अब तक कुल 6864 मरीज ठीक हो चुके हैं.