नईदिल्ली : देश में जारी कोरोना संक्रमण के बीच तीन मेडिकल इक्विपमेंट की काफी चर्चा हो रही है। वे हैं N-95 मास्क, वेंटिलेटर और पीपीई (Personal Protective Equipment) किट। इन तीनों को लेकर मंत्रीसमूह की बैठक में चर्चा हुई।
आज कोरोना को लेकर हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में 20 कंपनियों के द्वारा इसका निर्माण शुरू कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर भी स्थिति साफ की कि किन परिस्थितियों पीपीई किट की आवश्यक्ता पड़ती है।
लव अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 1.7 करोड़ पीपीई किट और 49 हजार वेंटिलेटर का ऑर्डर दिया है। इसकी सप्लाई भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रीसमूह की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि सैनिक के रूप में सेवा कर रहे डॉक्टर और मेडिकल कर्मियों को पूरा समजा का पूरा समर्थन और सम्मान मिले।
उन्होंने लोगों से फेक न्यूज बचने की सलाह देते हुए कहा कि हमें इस बात को समझना होगा कि सभी को पीपीई की आवश्यक्ता नहीं होती है। जिस चीज की जहां आवश्यक्ता है, वहीं पर इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स को पढ़ने की सलाह दी है।
लव अग्रवाल ने साफ कहा कि सिर्फ हाई रिस्क जोन में ही पीपीई का इस्तेमाल होता है। इसमें हेडगेयर, मास्क, बूट और कवर होता है। मोडरेट के लिए सिर्फ एन-95 मास्क और ग्लब्स की आवश्यक्ता होती है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जरूरत के हिसाब से राज्यों को पीपीई किट भेजा जा रहा है।