जीवन को बचाना है तो यज्ञ हवन की ओर लौटना होगा- दिव्य अग्रवाल

By SHUBHAM SHARMA

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प्रकृति अपना रौद्र रूप दिखा रही है कलयुग अपना प्रभाव डाल रहा है पर हम झूठी शान व दिखावटी जीवन मे व्यस्त है । हम प्रकृति से सब कुछ लेते है पर बदले में देते हैं सिर्फ गंदगी व प्रदूषण ।एक धूपबत्ती ,अगरबत्ती व दीपक से प्रकृति पोषित नही हो सकती है ।

यदि इस प्रकृति व देवताओं को तृप्त करना है तो श्रेष्ठ सामग्री से उन्हें हविष व भोज देना चाहिए । क्योंकि योगिराज भगवान श्री कृष्ण ने भी श्रीमद भगवद गीता में कहा है
यज्ञदानतपःकर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्।
यज्ञो दानं तपश्चैव पावनानि मनीषिणाम्।।

यज्ञ, दान और तप रूप कर्मों का त्याग नहीं करना चाहिये, प्रत्युत उनको तो करना ही चाहिये क्योंकि यज्ञ, दान और तप — ये तीनों ही कर्म मनीषियों / मनुष्योको पवित्र करनेवाले हैं।

इस कलयुग में आज ऐसा समय आ चुका है कि बीमार पड़ने पर अपने ही परिवार के व्यक्ति को छूना अभिशाप जैसा है परंतु फिर भी हम सजग नही हुए ।

माता पिता भी जिन बच्चो का पोषण करते है बदले में वो भी उम्मीद करते है कि बुढापे में बच्चे हमारा ध्यान रखेंगे परन्तु मनुष्य इतना लालची है कि जीवन भर प्रकृति से लेता है देवताओं से लेता है पर बदले में हविष या भोज्य भी समर्पित नही करना चाहता अतः वास्तव में जीवन व परिवार को उत्तम जीवन देना है तो यज्ञ ,हवन अवश्य करो ।

उच्च कोटि की सामग्री बनकर करो क्योंकि जिस प्रकार हमे अच्छे भोजन की आवश्यकता है उसी प्राकर अच्छी सामग्री से देवताओं व प्रकर्ति की तृप्ति होती है ।

क्योंकि बाजार में मिलने वाली सामग्री वास्तव में भोज्य सामग्री कहलाने योग्य नही है अतः आम की लकड़ी/समिधा, अश्‍वगंधा ,ब्रह्मी, मुलैठी ,खाने वाला कपूर तिल, चावल, लौंग, घी, गुग्‍गल, इलाइची, शक्‍कर, पंचमेवा एवम जौ इत्यादि मिलाकर हवन सामग्री तैयार कर यज्ञ हवन करें।

इस कलयुग में केवल कोरोना ही नही अभी बहूत कुछ देखना बाकी है अतः चमत्कार व आडम्बर से बहार निकलकर माँ भवानी व महादेव की बनाई इस प्रकृति व देवताओं को पोषित करें।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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