ओडीएफ में जिले की पहली पंचायत बनी थी अज्यौरा

By Khabar Satta

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ठठिया : जब अज्यौरा मजरा को पंचायत का दर्जा मिला तो हालात पूरी तरह से बदतर थे। हालांकि पंचायत की आबादी कम और दायरा भी बहुत छोटा है, लेकिन विकास की परिस्थितियां बहुत खराब थी। पहली बार प्रधान बन गांव को ओपीएफ बनाने पर जोर दिया। कोशिशों से कामयाबी मिली और जिले में ओडीएफ बनने वाली पहली पंचायत बनी।

विकास खंड उमर्दा की अज्यौरा ग्राम पंचायत वर्ष 2015 में बनी है। इसमें एक ही मजरा है और ग्राम पंचायत का दायरा भी छोटा है। ग्राम पंचायत के हालात बहुत खराब थे। त्रिस्तरीय चुनाव में प्रधान के पद पर जनता ने रंजीत को चुना। निवर्तमान प्रधान रंजीत ने गांव में शिक्षा व स्वच्छता पर जोर दिया। प्राथमिकता से गांव की कच्ची गलियों को इंटरलॉक कराया। खड़ंजा से सड़कें सुधारी। नालियों को पक्का बनाया। केंद्र सरकार की योजना के तहत घर-घर इज्जतघर बनवाए। निर्माण के साथ गांव के लोगों को जागरूक कर खुले में शौच जाने से रोक लगाई। ग्रामीण इज्जतघर को इस्तेमाल करने लगे। इससे जिले में पहली पंचायत ओपीएफ के लिए घोषित की गई। गांव की स्वच्छता को लेकर स्वच्छ भारत मिशन से वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री से सम्मानित किए गए

स्कूलों की बदल दी तस्वीर

गांव में एक प्राथमिक व एक जूनियर स्कूल है। दोनों स्कूलों में टायल्स, रंग-रोगन, बिजली, पानी, रसोई घर व बेहतर इज्जतघर का निर्माण कराया। स्कूल की स्थिति बदलने पर गांव के कई बच्चे कांवेंट स्कूल को छोड़कर परिषदीय स्कूल में जाने लगे हैं। एक नजर में पंचायत

ब्लाक – उमर्दा

ग्राम पंचायत – अज्यौरा

मतदाता – 1,135

आबादी – 3,343

आवास – 130 क्या कहते हैं जिम्मेदार

पहली बार प्रधान पद की जिम्मेदारी मिली तो स्वच्छता पर जोर दिया। इसके बाद शिक्षा को बेहतर बनाने का काम किया। बजट के मुताबिक ग्राम पंचायत में काम कराए गए हैं।

रंजीत सिंह, निवर्तमान प्रधान बजट के आधार पर ग्राम पंचायत में बेहतर काम कराए गए। स्वच्छता पर गांव को मुख्यमंत्री से सम्मान भी मिला है। यह ग्राम पंचायत के लिए प्रशंसनीय है।

सरला देवी, बीडीओ, ब्लॉक-उमर्दा

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

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