डेस्क।भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 40 साल के हो गए हैं। उन्होंने अपने शानदार करियर में भारत को तीन आईसीसी खिताब दिलाए। धोनी को क्रिकेट में बहुत तेज दिमाग कप्तान के तौर पर पहचाना जाता है। माही के 40वें बर्थडे के मौके पर हम उनके ऐसे 4 फैसलों पर बात करेंगे जिनके चलते भारत को जीत मिली।
यह आईसीसी के पहले T20 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला था। 2007 का विश्व कप भारत और पाकिस्तान के हाई वोल्टेज फाइनल ड्रामा का गवाह बना और धोनी ने आखिरी ओवर फेंकने के लिए हरभजन सिंह की जगह अनुभवहीन जोगिंदर शर्मा को गेंदबाजी दी।
भज्जी पर मिस्बाह उल हक पहले ही 3 छक्के लगा चुके थे और वह अभी भी क्रीज पर मौजूद थे जिससे पाकिस्तान के मैच जीतने की संभावनाएं बराबर बनी हुई थी। जोगिंदर शर्मा ने उसके बाद क्या किया वह सभी को पता है भारत को वह मैच जिताने में जोगिंदर शर्मा का ओवर आज भी याद किया जाता है और महेंद्र सिंह धोनी के इन इस फैसले को भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन डिसीजन में एक माना जाता है।
धोनी ने इस सीरीज में भारत के राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली को बाहर करने का फैसला लिया था। धोनी का मानना था कि ये दिग्गज बहुत अच्छी फील्डिंग नहीं कर पा रहे हैं। धोनी युवाओं से भरी टीम में जबरदस्त बिल्डिंग का स्तर देखना चाहते थे। काफी हो हल्ला तो मजा लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि यह भारत की आस्ट्रेलिया में पहली त्रिकोणीय सीरीज जीत भी थी।
विश्व कप में धोनी द्वारा फाइनल में लगाया गया विजयी छक्का कौन भूल सकता है? इससे पहले धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में खुद को प्रमोट करते हुए नंबर चार पर उतारा था जबकि युवराज सिंह अपने करियर की बेस्ट फॉर्म में चल रहे थे लेकिन धोनी आए और उन्होंने नाबाद 91 रनों की पारी खेली जिसने भारत को 6 विकेट से मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई।
धोनी का खुद पर यह विश्वास भारत के लिए काम कर गया क्योंकि श्रीलंका एक समय चुनौतीपूर्ण स्थिति में लग रहा था लेकिन धोनी ने अपनी बल्लेबाजी से वह दबाव धीरे-धीरे कम कर दिया। फाइनल सरीखे मुकाबले में खुद को प्रमोट करना एक बड़ा फैसला था जिसका फल भारत को मिला।
2013 में महेंद्र सिंह धोनी का लिया गया यह फैसला आज भी भारतीय क्रिकेट को बहुत फायदा दे रहा है। रोहित शर्मा को तब ओपनिंग में प्रमोट किया गया था और उस समय हिटमैन बहुत अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे थे और टीम में अपना स्लॉट ढूंढने के लिए भी जद्दोजहद कर रहे थे। रोहित के साथ शिखर शिखर धवन ओपनर थे और इन दोनों की जोड़ी ने उस टूर्नामेंट में गदर मचा दिया जिसके चलते भारत ने 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी कब्जाने में सफलता हासिल की।