Suchi Upadhyay Mandla: मध्यप्रदेश के मंडला जिले की धरती एक बार फिर खेल जगत में चमक उठी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा घोषित की गई महिला भारतीय क्रिकेट टीम में मंडला की शुचि उपाध्याय का चयन होना न केवल जिले बल्कि पूरे राज्य के लिए गौरव का विषय है। यह चयन श्रीलंका के कोलंबो में आयोजित होने वाली त्रिकोणीय महिला क्रिकेट श्रृंखला के लिए हुआ है, जिसमें भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की टीमें हिस्सा लेंगी।
भारतीय टीम में जगह पाना शुचि के लिए एक मील का पत्थर
भारतीय टीम में 15 सदस्यीय दल का गठन किया गया है, जिसमें शुचि को लेफ्ट आर्म स्पिनर के रूप में शामिल किया गया है। शुचि की गेंदबाज़ी शैली, उनकी लाइन और लेंथ पर पकड़, और विकेट लेने की अद्वितीय क्षमता ने उन्हें इस ऊँचाई तक पहुँचाया है। उनकी प्रतिभा और मेहनत को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच मिलने जा रहा है।
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में होगा भारत का नेतृत्व
टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर हैं, जो अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी और प्रेरणादायक कप्तानी के लिए प्रसिद्ध हैं। टूर्नामेंट का आयोजन 27 अप्रैल से 7 मई 2025 के बीच कोलंबो, श्रीलंका में किया जाएगा। इसमें भारत की टीम अपने कौशल और टीमवर्क का परिचय देगी और इस बार सभी की निगाहें शुचि उपाध्याय पर रहेंगी।
देहरादून में नेशनल चैलेंजर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन
वर्तमान में शुचि उपाध्याय देहरादून में आयोजित नेशनल चैलेंजर ट्रॉफी में भाग ले रही हैं। इस प्रतियोगिता में उन्होंने लगातार प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, जिससे उनका आत्मविश्वास चरम पर है। इससे पूर्व वे नेशनल सीनियर विमेंस टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वाली खिलाड़ी रह चुकी हैं, जिसके लिए उन्हें “प्लेयर ऑफ द सीरीज” के खिताब से नवाज़ा गया।
शुचि की मेहनत और समर्पण ने दिलाई पहचान
शुचि उपाध्याय का सफर कभी आसान नहीं रहा। मंडला जैसे दूरस्थ जिले से निकलकर राष्ट्रीय और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में चयनित होना यह दर्शाता है कि प्रबल इच्छाशक्ति, अनुशासन और लगन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। बचपन से ही क्रिकेट में रुचि रखने वाली शुचि ने कठिन प्रशिक्षण, निरंतर अभ्यास और आत्मबल के माध्यम से इस मुकाम को हासिल किया है।
परिवार और कोच का अहम योगदान
शुचि की सफलता में उनके परिवार और कोचिंग स्टाफ का विशेष योगदान रहा है। उनके माता-पिता ने हर परिस्थिति में उनका साथ दिया। वहीं, मंडला और भोपाल में प्रशिक्षकों ने उन्हें तकनीकी और मानसिक रूप से तैयार किया। कोच के अनुसार, शुचि हमेशा सीखने को तैयार रहती थीं और यही गुण उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग करता है।
मंडला जिले में खुशी की लहर
शुचि उपाध्याय के चयन की खबर से मंडला जिले में उत्साह और गर्व का माहौल है। जिले के खेल प्रेमियों, स्कूली छात्रों, स्थानीय प्रशासन और खेल अधिकारियों ने इस अवसर पर उन्हें बधाई दी है। जिला कलेक्टर से लेकर खेल संघों तक ने इसे स्थानीय खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया है।
शुचि के चयन से महिला क्रिकेट को मिलेगा नया आयाम
भारत में महिला क्रिकेट को अब पहले की अपेक्षा अधिक पहचान और समर्थन मिल रहा है। शुचि जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के चयन से यह स्पष्ट है कि अब छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकल सकते हैं। इससे देशभर की बेटियों को खेलों में आगे बढ़ने की नई प्रेरणा मिलेगी।
शुचि उपाध्याय से भविष्य की उम्मीदें
शुचि उपाध्याय न केवल वर्तमान श्रृंखला में बल्कि आने वाले वर्षों में भी भारत की टीम का मूल स्तंभ बन सकती हैं। उनकी स्पिन गेंदबाजी, विविधताओं से भरपूर तकनीक, और बल्लेबाज़ों को छकाने की कला भारत को जीत की ओर ले जा सकती है। यदि वे ऐसे ही निरंतर प्रदर्शन करती रहीं तो वह दिन दूर नहीं जब वे भारत के लिए वर्ल्ड कप में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
मंडला की बेटी बनी देश का मान
मंडला जिले की यह बेटी अब पूरे देश की शान बन चुकी है। शुचि उपाध्याय ने साबित कर दिया कि प्रतिभा, मेहनत और समर्पण के साथ कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल खेल प्रेमियों के लिए बल्कि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो किसी भी क्षेत्र में कुछ बड़ा करने का सपना देखता है।