आर्थिक सर्वेक्षण 2020 : आसान शब्दों में, क्या है इसके मायने

By SHUBHAM SHARMA

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नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था को समझने का सबसे आसान तरीका है आर्थिक सर्वेक्षण देखना. हर साल केंद्र सरकार बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण जारी करती है. इस रिपोर्ट में देश के विभिन्न क्षेत्रों के मौजूदा आर्थिक हालात का जायजा लिया जाता है. साथ ही भारत किस तेजी या धीमी गति से प्रगति कर रहा है, इसकी ब्यौरा भी मिलता है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 31 जनवरी को दोपहर 12 बजे आर्थिक सर्वेक्षण 2020 पेश करेंगी.

क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण को एक तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था का आइना भी समझा जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण हर साल आम बजट से ठीक एक दिन पहले पेश किया जाता है. वित्त मंत्रालय इसे तैयार और पेश करता हैं. इस रिपोर्ट में बताया जाता है कि साल भर में देश के विकास की हालत कैसी रही. साथ ही, सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था, पूर्वानुमान और नीति चुनौतियों की विस्तृत जानकारी होती है. आसान भाषा में समझें तो वित्त मंत्रालय की इस रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर देखी जा सकती है. अकसर, आर्थिक सर्वे के जरिए सरकार को अहम सुझाव दिए जाते हैं. हालांकि, इसकी सिफारिशें सरकार लागू करे, यह ​अनिवार्य नहीं होता है.

क्या है चुनौती इस बार
केंद्रीय वित्त मंत्री के लिए इस बार आर्थिक सर्वेक्षण काफी चुनौती भरा हो सकता है. इस बार विकास दर पांच फीसदी पर है. सबसे गंभीर बात ये है कि विकास दर पिछले 11 साल के सबसे निचले स्तर पर है. साथ ही महंगाई दर 7.35 फीसदी पर है. आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार और उनकी टीम तैयार करती है. इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार की अगुवाई वाली टीम द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया गया हैं. सरकार की आर्थिक सलाहकार परिषद नीतियों में बदलाव लाने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण का इस्तेमाल करती है. कई बार ये उपाय बहुत व्यापक भी होते हैं.

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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