बरघाट (मध्यप्रदेश)। एस. शुक्ला:- सिवनी जिले के बरघाट क्षेत्र में शनिवार देर रात एक हृदयविदारक घटना सामने आई। ग्राम कौडिया घीसी में अवैध पेट्रोल-डीजल की हेराफेरी के दौरान आग भड़क गई। इस आग की चपेट में आने से युवा पंकज राहंगडाले की दर्दनाक मौत हो गई। घटना इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते पूरा टैंकर और ढाबे का एक कमरा राख में तब्दील हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ढाबे में लंबे समय से अवैध पेट्रोल-डीजल का कारोबार चल रहा था। आग इतनी तेज भड़की कि ढाबे से करीब 100 मीटर दूर खड़ा टैंकर भी आग का गोला बन गया। गनीमत रही कि टैंकर में भरे पेट्रोल-डीजल में विस्फोट नहीं हुआ, वरना आसपास का पूरा इलाका तबाह हो सकता था।
पुलिस के लिए बनी चुनौती
इस घटना ने बरघाट पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। सवाल यह है कि ढाबे में अवैध पेट्रोल-डीजल का कारोबार आखिर किसकी शह पर चल रहा था? ढाबा संचालक खुद को इस कारोबार से अनजान बता रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां खुलेआम टैंकर रुकते और अवैध डीजल-पेट्रोल उतारा जाता था। अब यह जिम्मेदारी पुलिस की है कि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर सच्चाई सामने लाए।
टैंकर ड्राइवर की मिलीभगत का शक
घटनास्थल पर जांच में यह साफ हुआ कि टैंकर से “सटक पाइप” लगाकर पेट्रोल-डीजल निकाला जाता था। जले हुए टैंकर के नीचे पाइप के टुकड़े मिले हैं, जो इस अवैध धंधे की ओर इशारा करते हैं। सूत्रों का कहना है कि टैंकर ड्राइवर की सहमति से ही यह हेराफेरी होती थी। हादसे के समय ड्राइवर भी झुलसा हुआ देखा गया। ऐसे में पुलिस की जांच में कई नए नाम सामने आ सकते हैं।
हादसे के बाद बंद हुए ढाबे
गांव के लोगों का कहना है कि इस भीषण हादसे के बाद से जंगल किनारे बने ढाबे बंद हैं। पहले यहां रोज कई टैंकर रुकते थे, लेकिन अब डर के माहौल में न तो ढाबे खुल रहे हैं और न ही टैंकर नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि यह घटना अवैध कारोबार का नतीजा है और अब पुलिस की कार्यवाही से ही सच्चाई सामने आएगी।
बड़ा सवाल – जिम्मेदार कौन?
इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
- अवैध पेट्रोल-डीजल के कारोबार में कौन-कौन शामिल है?
- ढाबे में लंबे समय से चल रही इस गतिविधि पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ी?
- क्या यह पूरा रैकेट पुलिस की जानकारी में चल रहा था?
बरघाट पुलिस अब इस दर्दनाक हादसे की जांच में जुट गई है। देखना यह होगा कि जांच के बाद आखिरकार सच्चाई किस रूप में सामने आती है और दोषियों को सजा मिल पाती है या नहीं।