सिवनी की गुंजन शिवेदी के साथ इंदौर में हादसा: इंदौर से सिवनी लौटते समय चलती ट्रेन से गिरने से हुई मौत

21 वर्षीय छात्रा की मौत ने सिवनी और इंदौर को झकझोर दिया

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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सिवनी, इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर रेलवे स्टेशन पर बुधवार रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। सिवनी निवासी 21 वर्षीय गुंजन शिवेदी नामक छात्रा, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी, की चलती ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। यह घटना न सिर्फ एक परिवार के सपनों को तोड़ गई, बल्कि उन हजारों छात्र-छात्राओं को भी एक सबक दे गई जो घर लौटते वक्त असावधानी बरतते हैं।

घटना बुधवार रात करीब 11 बजे की है। गुंजन शिवेदी अपनी सहेली रिषु के साथ इंदौर-जबलपुर ट्रेन से सिवनी लौट रही थी। परीक्षा देकर इंदौर स्टेशन से सिवनी के लिए जबलपुर होते हुए रवाना हुई, रिषु ट्रेन में चढ़ने में सफल रही, लेकिन गुंजन शिवेदी ने ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हुए अपनी सहेली का हाथ पकड़ लिया।

इसी दौरान गुंजन शिवेदी का पैर फिसल गया और वह प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंस गई। ट्रेन की रफ्तार के कारण वह खुद को संभाल नहीं सकी और ट्रेन के नीचे आ गई। मौके पर मौजूद कुछ यात्रियों और रेलवे पुलिस ने उसे निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

गुंजन शिवेदी : एक होनहार छात्रा, जिसकी यात्रा अधूरी रह गई

गुंजन शिवेदी एक मेहनती और होशियार छात्रा थी, जो अपने गांव सिवनी से दूर इंदौर आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। उसका सपना था कि वह एक सरकारी नौकरी पाकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। इंदौर जैसे व्यस्त शहर में अपनी पढ़ाई पूरी कर वह घर लौट रही थी, लेकिन रास्ते में ही उसकी जिंदगी थम गई।

रेलवे सुरक्षा पर उठे सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर से रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या चलती ट्रेन में चढ़ना सुरक्षित है? क्या रेलवे प्रशासन ऐसे मामलों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठा रहा है? ट्रेन के रवाना होने से पहले यात्रियों को पर्याप्त चेतावनी और सुरक्षा निर्देश क्यों नहीं दिए जाते?

रेलवे नियमों के अनुसार, चलती ट्रेन में चढ़ना कानूनन अपराध है और बेहद खतरनाक भी। परंतु स्टेशन पर मौजूद पुलिसकर्मी या गार्ड यात्रियों को इस संबंध में सतर्क नहीं करते। हादसे के बाद भी कोई त्वरित राहत या मेडिकल सुविधा मौके पर नहीं पहुंची, जिससे गुंजन शिवेदी की जान शायद बचाई जा सकती थी।

परिजनों की पीड़ा: सपनों का अंत

गुंजन शिवेदी के पिता, जो एक साधारण किसान हैं, ने बेटी को पढ़ाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था। उन्होंने बताया कि गुंजन बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही है और उसका सपना था कि वह कलेक्टर बने। गुंजन शिवेदी की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा, “हमारी बेटी को दुनिया की कोई भी दौलत वापस नहीं ला सकती।”

सहेली रिषु का बयान: अंतिम पलों की गवाही

गुंजन शिवेदी की सहेली रिषु ने हादसे का आंखों देखा हाल बताया। वह कहती है, “हम दोनों स्टेशन पर देर से पहुंचे थे। ट्रेन चलने लगी थी, मैं पहले चढ़ गई। गुंजन मेरा हाथ पकड़कर चढ़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसका संतुलन बिगड़ गया। मैं चीखी-चिल्लाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।”

रिषु की आंखों में आज भी हादसे के दृश्य ताज़ा हैं। वह बार-बार खुद को दोषी मान रही है कि शायद अगर वह गुंजन को पहले चढ़ने देती, तो यह हादसा नहीं होता।

प्रशासन का बयान और जांच का आश्वासन

घटना के बाद रेलवे प्रशासन की ओर से बयान जारी किया गया है कि हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं। रेलवे पुलिस (RPF) ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए एमवाय अस्पताल भेजा गया। प्रशासन ने परिजनों को हरसंभव सहायता देने की बात कही है।

चलती ट्रेन में चढ़ना क्यों है जानलेवा?

भारतीय रेलवे की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल दर्जनों लोग चलती ट्रेन में चढ़ने या उतरने की कोशिश में जान गंवाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि स्टेशन पर जल्दबाज़ी करने की प्रवृत्ति और समय की कमी ऐसे हादसों को बढ़ावा देती है।

रेलवे प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच गैप अक्सर इतना होता है कि अगर संतुलन बिगड़ जाए तो व्यक्ति सीधे ट्रैक पर गिर सकता है। ऐसे में शरीर के किसी भी हिस्से के कटने या जान जाने का खतरा बना रहता है।

भविष्य के लिए सबक: क्या किया जा सकता है?

  • समय पर स्टेशन पहुंचें और ट्रेन रवाना होने से पहले ही चढ़ जाएं।
  • चलती ट्रेन में कभी भी चढ़ने या उतरने की कोशिश न करें।
  • रेलवे प्रशासन को प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
  • प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच के गैप को कम करने के उपाय किए जाएं।
  • हर डिब्बे पर सहायता केंद्र और गार्ड्स की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

समाज की जिम्मेदारी और युवाओं के लिए संदेश

इस हादसे से समाज को यह समझना होगा कि एक लापरवाही कितना बड़ा नुकसान कर सकती है। युवाओं को यह सीखना चाहिए कि सुरक्षा से बड़ा कोई उद्देश्य नहीं होता। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, करियर का निर्माण, ये सब तभी संभव हैं जब हम सुरक्षित रहें।

एक दुखद अंत, जो चेतावनी बन गया

गुंजन शिवेदी की मौत एक दर्दनाक त्रासदी है, जो बताती है कि कभी-कभी हमारी छोटी सी लापरवाही हमें जिंदगी से दूर ले जा सकती है। यह केवल एक छात्रा की मौत नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार के सपनों का अंत है। इस घटना से सबक लेते हुए सभी यात्रियों को और खासकर युवा छात्रों को अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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