धारनाकला (एस.शुक्ला): बरघाट जनपद के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जनमखारी मे नियमो को ताक पर रखते हुऐ थोक के भाव मे हरे भरे पेड़ो का कत्लेआम बेखौफ होकर कर दिया गया किन्तु इस और ध्यान वाला कोई नही है.
एक तरफ सरकार करोडो रूपये वृक्षारोपण के नाम पर खर्च कर ही है किन्तु जो खुलेआम शासन प्रशासन की नाक के नीचे हरे भरे पेडों का दोहन कर रहे है उन पर ठोस कार्रवाई नही इससे अन्दाजा लगाया जा सकता है सारी योजनाए और नीति कागज़ तक ही सिमटकर रह गई है.
उल्लेखनीय है की तहसीलदार बरघाट को दिये गये आवेदन मे धर्मेन्द्र पटले एवं देवेन्द्र पटले ने आरोप लगाया है की ग्राम पंचायत जनमखारी सरपंच के द्वारा उनकी निजी भूमि स्वामी हक भूमि खसरा नम्बर 175 176 178/1 177/1 180 रकबा कृमशः 0,07 0,25 0,28 4,60 0,19 हेक्टेयर मे आवेदक के द्वारा वन विभाग उद्यानिकी विभाग से एवम निजी रूप से वृक्षो की खरीदी कर अपनी निजी भूमि मे वृक्षो का पालन पोषण किया गया है
जो आज से तीस चालीस वर्ष पूर्व से लेकर आज तक लगभग 150 वृक्ष तैयार किये थे जिसमे बडे पेड़ो के रूप मे बेर पलाश इमली नीम तथा आम सागौन के अतिरिक्त फलदार वृक्ष जिनकी कुल सख्या 150 के लगभग है भूमि स्वामी को बिना सूचना दिये दुर्भावना से रहित होकर कटवा दिये गये
जिससे आवेदक को भारी छति के सामना करने के साथ ही हरे भरे और फलदार वृक्षो से भी वंचित होना पडा है तथा फलदार वृक्ष के कत्लेआम के साथ ही दुर्भावना से रहित होकर तथा अपने पद का दुरूपयोग करते हुऐ आवेदक कृषक को जो प्रति वर्स अपने खेत मे लगे वृक्ष से आय अर्जित कर जीविका चला रहा था
उसकी आय अधिकार का दोहन भी पंचायत के द्वारा कर दिया गया क्योकि खेत मे लगे बेर एवं पलाश के वृक्ष मे लाख की खेती कर आवेदक किसानो के द्वारा जीविका भी चलाई जाती थी किन्तु पद के अभिमान और गरूर तथा दुर्भावना के चलते किसान को छति पहूचाने के साथ ही हरे भरे सैकड़ो वृक्षो को उजाड़ा गया है
आवेदको ने की पद से पृथक करने की मांग
तहसीलदार बरघाट को प्रस्तुत आवेदन मे आहत किसानो के द्वारा मध्य प्रदेश ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40के अन्तर्गत सरपंच को पद से पृथक किये जाने के साथ ही छति पूर्ति दिलाये जाने की मांग की है चूकि सरपंच के द्वारा नियमो के विपरीत दुर्भावना से रहित होकर आवेदक किसानो को छति पहुंचाई गई है
शिकायत मे यह भी उल्लेख किया गया है की सरपंच एवम पंचायत के द्वारा स्वच्छता अभियान का हवाला देते हुऐ जान बूझकर आवेदक किसानो को छति पहुचाने की नियत से हरे भरे वृक्षो को निर्ममता से कटवा दिया गया है जो पद के दुरूपयोग की श्रेणी मे आता है और यह अपराधिक कृत्य की श्रेणी मे भी आता है जिस पर ठोस कार्रवाई का होना नितांत जरूरी है
बिना अनुमति के कैसे काटे गए पेड़
यहां यह भी उल्लेखनीय है की स्वय के पेड काटने में भी सम्बंधित विभाग से अनुमति लेनी होती है किन्तु बरघाट जनपद की इस पंचायत मे। बिना अनुमति और नियम के ही किसानो के खेत मे लगे सैकड़ो पेड़ो का सफाया कर दिया गया जिसमे अब तक न ही हल्के कै पटवारी द्वारा प्रकरण बनाया गया और न ही अब तक समबधितो के द्वारा कोई कार्रवाई की गई ऐसी स्थिति मे जवाबदारो इस प्रकरण के प्रति चुप्पी साधे रखना अनेको सन्देह को जन्म देता है
इनका कहना
आवेदन पर जांच कराईं जा रही है जाच के बाद दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी
तहसीलदार रिनाहिते तहसील बरघाट