सिवनी: देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण अंचलों में महिला शक्ति पर भरोसा जताते हुए बहुत सी योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी महिला स्व सहायता समूह के हाथ में सोपी है और महिला समूह को मिली जिम्मेदारी का निर्वहन भी महिला समूह की महिलाए बखूबी निभा रही है
महिलाओं ने बढ़ाया पंचायत की आय
बरघाट जनपद की ग्राम पंचायत धारना कलां में नल जल योजना की जिम्मेदारी महिला स्व सहायता समूह को माह अप्रैल में सौंपी गई थी जिसमे महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने नल योजना वसूली की जिम्मेदारी लेते हुए अब तक ग्राम से लगभग एक लाख रुपए की वसूली करते हुए वसूली गई राशि पंचायत को सौप दी है.
प्रति माह नल जल योजना का संचालन भी महिलाए बखूबी कर रही है वैसे तो धारना कलां में नल योजना के लगभग चार सौ कनेक्सन लोगो के घरों में लगे जिन्हें पानी टंकी के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध होता है किंतु सही संचालन न होने से अनेकों दिन लोगो को पानी नही मिल पाता था
नल जल योजना की वसूली का नही है लेखा जोखा
यहां यह भी उल्लेखनीय है की समूह के संचालन के पूर्व नल जल योजना का संचालन पंचायत के हाथ में था किंतु नल जल योजना की वसूली का हिसाब बरसो से पंचायत के पास नही है ऐसे में क्या पंचायत द्वारा निशुल्क रूप से ग्राम में पानी की सप्लाई की जाती थी
जबकि ग्राम पंचायत धारना कलां में नल जल योजना के संचालन के लिए कर्मचारी भी नियुक्त है और ग्राम से वसूली भी नियमित रूप से होती थी फिर पंचायत खाते में नल जल योजना मद की राशि क्यों विधिवत जमा नहीं हुई.
जब इस संबंध में पंचायत सचिव एवम लेखापाल से जानकारी ली गई तो बताया गया की नल जल योजना मद की वसूली राशि से ही कर्मचारी की वेतन तथा नल जल टूट फुट के मेंटेनेंस पर राशि खर्च की गई है इस कारण वसूली की राशि विधिवत पंचायत खाते में जमा नहीं हो पाई
मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर समूहों को मिल रही जिम्मेदारी
प्रदेश के मुखिया के मंशानुरूप जिला पंचायत के निर्देश पर यह जिम्मेदारी और कार्य महिला समूहों को मिल रहा है और मिला है जिसमे विधिवत महिला समूहों को अवगत कराने के बाद ग्राम संगठन के माध्यम से समूह का चयन कर अजीविका मिशन को भेजा जाना तय है और इसी आधार जिले की सभी जनपदों और पंचायतों में नल जल कर वसूली की जिम्मेदारी और कार्य महिला समूह को मिला है और शिवराज की यह पहल भी कारगर साबित हुई है तथा पंचायतों में नल जल योजना की बकाया राशि भी महिलाए निकाल कर पंचायत में जमा कर रही है
वसूली का मिलेगा दश से पंद्रह प्रतिशत धन
नल जल योजना मद की राशि की वसूली का कार्य जहा महिला समूहों को मिला वही सरकार की नीति के तहत महिला समूहों को वसूली धन राशि का दश से पंद्रह प्रतिशत की राशि का भुगतान भी महिला समूहों को मिलेगा जिससे महिला समूह भी अपनी समूह की आय बढ़ाने में सक्षम होगी और यही कारण है जो कार्य और नल जल मद की राशि की वसूली पंचायत के कर्मचारी नहीं कर पाए वही कार्य महिलाओं ने कर दिया और प्रति माह लगन के साथ मिली जवाब दारी का महिलाए निर्वहन कर रही है
गांव गांव में बन रहे महिला समूह
यहां यह बताना भी लाजिमी है की अब गांव गांव में तेजी से महिला समूह का गठन हो रहा है और महिलाए समूह का गठन कर सरकार की लाभकारी योजनाओं से जुड़कर लाभ भी लेते हुए आत्म निर्भर बन रही है तथा बैंको से भी उन्हें स्वयं के रोजगार के लाखो रुपए का ऋण भी मिल रहा है जिसमे महिलाए स्वयं का रोजगार भी स्थापित कर अपनी आय। बढ़ा रही है
गांव गांव में ग्राम संगठन
जहा महिला समूह का गठन तेजी से हो रहा है और सैकड़ों की तादाद में महिलाए समूह से जुड़ रही है वही प्रत्येक गांव में ग्राम संगठन भी बन रहे है जिसमे गांव के सभी महिला समूह जुड़कर ग्राम संगठन का गठन कर संचालन के लिए अध्यक्ष और सचिव का चयन करते है
ग्राम संगठन में लाखो रुपए की राशि सरकार से मिल रही है और यही राशि महिला समूहों को उत्थान के। लिए मिल रही है जिसमे महिलाए स्वयं रोजगार को संचालित कर अपनी आय के स्रोत बढ़ा रही है
स्कूली बच्चो के स्कूल ड्रेस का काम भी महिलाओं ने किया है जिससे ग्राम संगठन में बचत के साथ साथ ।महिलाओं ने स्वयं भी सिलाई का कार्य कर आय अर्जित की है
इसके साथ ही स्कूल में मध्यान्ह भोजन से लेकर गांव की गरीब महिलाओं को भी रसोइया के रूप में रोजगार मिला है और यही कारण है की महिलाए गांव गांव में महिला समूह का गठन कर सरकार की योजनाओं से जुड़कर आत्म निर्भर बनने से पीछे नहीं हट रही है