डेनवर। आज से 11 साल पहले हीलियम बैलून में बेटे के उड़ने की फर्जी सूचना फैलाने वाले पैरेंट्स की सच्चाई सामने आने के बाद दोषी करार दिया गया था। इसके लिए उन्हें जेल में निर्धारित समय के लिए सजा भी दी गई। अब इसी मामले में कोलोराडो के गवर्नर ने दोनों को माफ किया जिसके बाद सजा भुगत चुके दंपती रिचर्ड और मायूमी हीने का नाम क्राइम रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।
रिचर्ड और मायूमी ने वर्ष 2009 में झूठी खबर फैलाई थी कि घर में बनाए गए हीलियम बैलून के साथ उनका 6 साल का बेटा भी उड़ गया है। इसके बाद पूरे देश में यह खबर आग के तरह फैल गई और अफरा-तफरी मच गई थी। हीलियम का गुब्बारा दो घंटे तक उड़ता रहा और स्थानीय टीवी चैनलों ने इसका लाइव टेलीकास्ट किया। कुल मिलाकर उस वक्त वैश्विक मीडिया के लिए यह खबर सनसनी जैसी हो गई थी। इसके बाद तुरंत कोलोराडो के दो नेशनल गार्ड हेलीकॉप्टर से बच्चे को बचाने के लिए रवाना हो गए क्योंकि वीडियो फुटेज में वह गुब्बारा काफी दूर निकल चुका था।
सेना का एक हेलीकॉप्टर इस आशंका के साथ उस गुब्बारे का पीछा करता रहा कि कहीं बच्चा उसमें से गिर न जाए लेकिन बाद में पता चला कि बच्चा अपने ही घर के ऊपर वाले कमरे में ही था। उस वक्त कोर्ट के जज ने इस दंपति को सजा सुनाई और कहा कि उन पर चार साल तक नजर रखी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे इस मामले से पैसा न कमा सकें। लेकिन वह बच्चा गुब्बारे में नहीं बल्कि बिल्कुल सुरक्षित अपने घर में मौजूद था। वहां की ऑथोरिटी का कहना था कि दंपती ने ऐसा रियलिटी शो में लोकप्रियता पाने के लिए किया।
कोलोराडो गवर्नर जेयर्ड पोलिस ने बुधवार को कहा कि दंपति ने अपनी गलती की सजा भुगत ली अब उन्हें आजाद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘एक दशक से अधिक का समय बीत गया है और हम सब अतीत से निकलने को तैयार हैं।’ पिछले साल दंपती ने कहा था कि यह फर्जी नहीं था उन्हें वास्तव में अपने बेटे के लिए यह आशंका हुई थी और उन्होंने मदद की गुहार लगाई थी। बता दें कि इसके लिए बच्चे के पिता को 90 दिनों के लिए और मां को 20 दिनों के लिए जेल की सजा दी गई थी।