हम बच्चे को सही तरीके से खाना खाना, कपड़े पहनना, बड़ों का आदर करना आदि बातें तो सिखाते हैं लेकिन उसे ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ के बारे में बताना भूल जाते हैं जो कि आज के जमाने में बहुत ही जरूरी है। जिसमे आज आपको इन टॉपिक्स पर जानकारी मिलेगी “good touch bad touch essay in hindi” “good touch bad touch in hindi” “गुड टच बैड टच के बारे में जानकारी” “good touch bad touch in hindi” “गुड टच बैड टच के बारे में”
भोपाल। बदलते वक्त के साथ ये जरूरी हो गया है कि बच्चे भी अपनी सुरक्षा को लेकर अलर्ट रहें। हमारे सामने अक्सर बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी खबरें सामने आती हैं। इनका सबसे पहला कारण होता है कि बच्चों को ये मालूम ही नहीं होता कि उन्हें किस तरह से छुआ जा रहा है। इसलिए परिवार के सदस्यों के लिए जरूरी है कि घर के बच्चों को ये सिखाया जाए कि किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा छूने पर ही इस बात का पता चल जाए कि ये गुड टच है या बैड टच।
भोपाल की साइकोलॉजिकल काउंसलर अनुजा पांडे बताती हैं कि आज के माहौल में बच्चों के लिए गुड और बैड टच का मतलब समझना बेहद जरूरी हो गया है। उनके मुताबिक किसी के छूने भर से ही बच्चों को इस बात का एहसास हो जाना चाहिए कि वे सुरक्षित हैं या नहीं।
हम बच्चे को सही तरीके से खाना खाना, कपड़े पहनना, बड़ों का आदर करना आदि बातें तो सिखाते हैं लेकिन उसे ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ के बारे में बताना भूल जाते हैं जो कि आज के जमाने में बहुत ही जरूरी है। बढ़ते बच्चों के अलावा छोटे बच्चों के लिए भी इस बात की जानकारी बेहद जरूरी है।
सबसे पहले सिखाएं, किस पर यकीन करें और किस पर नहीं
ज्यादातर बच्चे बहुत जल्दी सीखना शुरू कर देते हैं। ऐसे में आप उन्हें कम से कम 4 साल की उम्र से यह बात समझाना शुरू कर दें कि उसे किस पर यकीन करना चाहिए, किस पर नहीं। अगर कोई उसकी जान पहचान का नहीं है तो किसी के साथ नहीं जाना चाहिए। अनजान व्यक्ति से उसे कुछ भी खाने की चीज नहीं लेनी चाहिए।
बच्चे से खुलकर करें बात
ये बहुत जरूरी है कि आप बच्चे के साथ खुलकर बातें करें। उसके मन में क्या चल रहा है इस बात को जानने की कोशिश करें। उसे कभी भी ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वह आपसे कुछ कहेगा तो उसे डांट पड़ सकती है या उसकी बात अनसुनी कर देंगे।
आराम से समझाएं सारी बातें
चूंकि ये बहुत संवेदनशील विषय है, इसलिए इस बारे में बच्चे को बहुत धैर्य और आराम से जानकारी दें। कई बार बच्चों के लिए ये बातें समझना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि बच्चे को ऐसी बातें समझने में समय लगता है। उसे प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बताएं और समझाएं कि उसे इस जगह पर उसके अलावा कोई दूसरा नहीं छू सकता है।
चूमने और गोद लेने पर रखें नजर
अक्सर गोद में लेना या बच्चों को चूमने पर परिवार के लोग उतना ध्यान नहीं देते, लेकिन बच्चों को ये बताना बहुत जरूरी है कि अगर कोई आपको गोद में बैठाने की कोशिश कर रहा है या चूमने की कोशिश करें तो मां-बाप को इस बारे में शिकायत करें या साफ इंकार कर दें।
बच्चे को दिलाएं अपने साथ होने का भरोसा
बच्चे को भरोसा दिलाएं कि आप उसके साथ हैं। अगर उसे कुछ भी गंदा लग रहा हो तो वो अपने माता-पिता को तुरंत बता दे। बच्चे को इस तरह तैयार करें कि वह आप पर पूरा भरोसा करें और छोटी से छोटी बात आपके साथ शेयर करें।
काउंसलर अनुजा पांडे बताती हैं कि बदलते समय के साथ लोगो के विचारो में भी बहुत बदलाव आ गए है। कई लोग ऐसे होते है जो मानसिक कुवृति के शिकार होते है और बच्चो तक के साथ दुष्कर्म करने से पीछे नहीं हटते। ऐसे में बच्चे को यह जरूर पता होना चाहिए कि क्या गुड टच और बैड टच में क्या फर्क है ताकि मासूम बच्चे किसी की गलत भावनाओं का शिकार न होने पाएं।
बच्चों के साथ छेड़खानी और यौन शोषण के मामले बहुत ज्यादा सुनने को मिल रहे हैं। अच्छा है कि उन्हें इस तरह की वारदातों से बचाने के लिए इस बारे में सही से शिक्षा दी जाएं।