Holi Special: मीरजापुर । होली का हुड़दंग नगर व आसपास के गांव-गिरांव में देखने को मिलने लगा है। जगह-जगह सजाई गई होलिका के दहन के लिए गली-मुहल्लों में चंदा जुटाने को बच्चों व युवाओं की टोली सुबह ही निकल जा रही है।
कहीं पर्यावरण के हिसाब से उपली की तो कहीं भक्त प्रह्लाद की होलिका संग प्रतिमा बैठाने की तैयारी चल रही है। सड़कों पर राहगीरों को रोककर उनसे चंदा मांगने की जुगत में टोली लग गई है।
ना-नुकुर हंसी-ठिठोली के बाद लोग चंदा देने को मजबूर हो जा रहे हैं। चंदा देने से बचने के लिए अक्सर लोग यह कह देते हैं कि छुट्टे नहीं हैं, लेकिन अब यह बहाना नहीं चलेगा। होली का चंदा लेने निकली होलियारों की टोली डिजिटल पेमेंट भी स्वीकार करती है।
चंदा लेने निकली बच्चों की टोली डिजिटल भुगतान के लिए फोन-पे का बारकोड भी साथ लेकर चल रही है। होली का चंदा मांगने निकली बच्चों की टोली से बुधवार को रामबाग में हिन्दुस्थान समाचार के प्रतिनिधि से मुलाकात हुई।
डिजिटल तरीके से चंदा मांगने के बारे में पूछने पर बच्चों ने बताया कि चंदा मांगने पर कई लोग चिल्लर या चेंज नहीं होने का हवाला देते हैं।
अब डिजिटल तकनीक का सहारा लेकर बारकोड के जरिए चंदा लेना शुरू किया है। बच्चों का चंदा मांगने का अंदाज भी बेहद निराला है।
मोबाइल से फोन-पे बारकोड स्कैन कर आनलाइन पैसे भेजने को कहते हैं। चंदा मांगने निकली होलियारों की टोली को बारकोड लेकर सड़क पर हंसी मजाक, मस्ती, डांस करते देखा जा सकता है।
बच्चे कहते हैं, बाबूजी चिल्लर नहीं तो फोन-पे से चंदा दे दो। लोग डिजिटल तकनीक के चलते बारकोड स्कैन कर दे भी रहे हैं। अक्सर पांच रुपये या उससे ज्यादा ही मिलते हैं।