नई दिल्ली। पिछले एक दशक में भारतीय क्रिकेट को अभूतपूर्व सफलता मिली है। टीम इंडिया ने पिछले 10 वर्षों में 50 ओवर के विश्व कप से लेकर टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक रैंकिंग तक हासिल की है। एमएस धौनी और विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने खेल के सभी प्रारूपों में रैंकिंग में शिखर पर पहुंचते हुए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है।
वहीं, पाकिस्तान की टीम पिछले एक दशक में ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर पाई है। हालांकि, एक आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में पाकिस्तान ने जरूर जीती है, लेकिन पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने खुलासा किया है कि दोनों देशों की क्रिकेट में क्या अंतर है।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने दोनों क्रिकेट देशों के बीच अंतर के बारे में बात की। लतीफ ने कहा कि आइपीएल के आंकड़ों पर आधारित होने के कारण भारत ने अपने टैलेंट पूल को बढ़ाया है। दूसरी ओर पाकिस्तान ‘नग्न आंखों से प्रतिभा’ खोजने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कोचों को ‘वैज्ञानिक रूप से’ तैयार करने में सक्षम नहीं है।’
उन्होंने कहा है, “2010 के बाद से भारतीय क्रिकेट बढ़ रहा है, जबकि हम गिरावट पर हैं। हम अपने कोचों को वैज्ञानिक रूप से तैयार नहीं कर पा रहे हैं और नंगी आंखों से किसी की प्रतिभा पर अधिक विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। आइपीएल 2010 से भारत में डेटा-संचालित है और इसने उन्हें अपना टैलेंट पूल बनाने में काफी मदद की है। विदेशी कोचों ने भी उनकी काफी मदद की।”
लतीफ ने आगे एक अंग्रेजी वेबसाइट से बात करते हुए कहा, “पूर्व खिलाड़ियों के साथ-साथ विदेशी कोचों ने भी भारतीय खिलाड़ियों को विकसित होने में मदद की है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक मुख्य अंतर रहा है। हमने पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ियों को कोच के रूप में नियुक्त किया है और कई पीएसएल फ्रेंचाइजी उन्हें अपनी टीम के साथ अनुमति नहीं देते हैं। यह एक बहुत बड़ी समस्या हो गई है।” टीम इंडिया अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल 18 जून को साउथैप्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलेगी। वहीं, पाकिस्तान की टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में खास कमाल नहीं दिखा सकी थी।