ग्रीन ट्रिब्यूनल में की गई शिकायत
सिवनी- जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र रेत के लगातार उत्खनन से वैनगंगा और इसकी सहायक नदियों का अस्तिव संकट में आ रहा है। खनिज अधिकारी के संरक्षण में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर संजय तिवारी और भोजराज मदने ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत किया है
सिवनी- जिले में पिछले तीन चार वर्षों से रेत का अवैध उत्खनन राजनैतिक रसूखदार व खनिज अधिकारियों के सहयोग से किया जाकर नदियों का भारी दोहन किया जा रहा है ।माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व अन्य पर्यावरणीय संस्थाओं के द्वारा जारी निर्देशों को दरकिनार करते हुये वैनगंगा जैसी महत्वपूर्ण नदी को समाप्त करने की साजिश की जा रही है ।
यहाँ तक कि नदियों पर बने पुलों के पिल्लरों से लगकर खनन किया जा रहा है जिससे पुलों के धराशायी होने का खतरा भी उतपन्न हो गया है ।
उच्चस्तरीय संरक्षण के कारण शासकीय कार्यो के नाम से रेत का अवैध उत्खनन कर बाजार में मनमाने दामों में विक्रय की जा रही है । सैकड़ों डंफरो के माध्यम से वाहनों में ओवरलोड कर रेत का परिवहन किया जा रहा है जिससे जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें भी खराब हो रही हैं ।
सिवनी जिले की जीवन दायिनी वैनगंगा नदी है जो जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र से प्रवाहित होकर बालाघाट से गुजकर महाराष्ट्र के भंडारा होते हुए अंत मे गोदावरी नदी में मिल जाती है। वैनगंगा नदी का अस्तित्व केवलारी विधानसभा क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन के कारण गहन संकट में आ गया है।इस क्षेत्र में वैनगंगा नदी की सहायक नदियाँ हिर्री नदी , धनई नदी और बरगुर नाले में पिछले वर्षों से लगातार रेत के अत्यधिक दोहन से नदियों का पारिस्थितिक तंत्र, जलीय तंत्र बुरी तरह से प्रभावित हो चुका है ।यह क्षेत्र वन्य जीवों और वन्य प्राणियों के विचरण का प्रमुख और चिंहित क्षेत्र है ।नदियों में अवैध उत्खनन से वन्य प्राणियों के अलावा इस क्षेत्र के ग्रामीणों के जीवन पर भी संकट बढ़ने लगा है जिसका कारण रेत के उत्खनन से जमीनी जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है ,नदियों के किनारे में मिट्टी का कटाव बढ़ रहा है।नदियाँ की दिशा बदलने व बाढ़ आने की संभावना बढ़ गयी है। गैर तकनीकी रूप से रेत निकालने से नदियों के बीच गहरे और बड़े गड्ढे बन गए है।
माननीय महोदय अत्यंत क्षोभ और आक्रोश का विषय यह है कि पवित्र वैनगंगा नदी का अस्तित्व उसके उदगम स्थल के पास ही संकट में है
अवैध उत्खनित रेत के परिवहन के लिए बड़े बड़े डंपर चलाये जा रहे है जिससे ग्रामीण क्षेत्रो की सड़क पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो नष्ट हो चुकी है जनाक्रोश भी भड़क रहा है वहीं अनेक ग्रामों में ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रदर्शन ,चकाजाम जैसे प्रदर्शन भी किये जा रहे हैं ,अनेक लोग डंफरो द्वारा किये जा रहे रेत परिवहन के कारण दुर्घटनाओं में अपनी जान गवा बैठे हैं वहीं अनेक ग्रामीण घायल होकर अस्पतालो में भर्ती हैं ,अनेक विकलांग हो चुके हैं ।
सिवनी खनिज विभाग द्वारा रेत का अवैध उत्खनन करने वालो को पूर्ण संरक्षण प्रदान किया जा रहा है ।वर्तमान में ऐन बारिश के ठीक पहले सिवनी व बालाघाट जिले की सीमा में स्थित ढूयूटी बांध में सिल्ट साफ करने के नाम परअधिकारियों द्वारा रेत माफिया के साथ मिलकर बड़ी बड़ी मशीनों व सैकड़ो डंफरो के साथ बिना किसी प्रक्रिया को पूर्ण किये रेत का अवैध उत्खनन कराकर अन्य जिलों व बाजार में रेत बिक़वाई जा रही है जिसमे जिला पंचायत और जल संसाधन विभाग की भूमिका संदेहास्पद है।बारिश के समय नदी और डैम की सिल्ट निकालना अपने आप मे संदेह पैदा करता है।
अतः आपसे अनुरोध है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व अन्य पर्यावरणीय संस्थाओं के दिशा निर्देशों को ताक में रखकर केवलारी विधान सभा क्षेत्र की नदियों किये जा रहे रेत के अवैध उत्खनन में तत्काल रोक व रेत के अवैध उत्खनन में शामिल निर्माण कम्पनी पर अवैध उत्खनन से हुई पर्यावरणीय क्षति ,सड़क की क्षति का आकलन कर उनपर ज्यादा से ज्यादा जुर्माना वसूला करने का कष्ट करें ।
माननीय महोदय से निवेदन है की पर्यावरण , आम जन जीवन और पारिस्थिकी तंत्र को गम्भीर नुकसान पहुचाने वालो पर तत्काल कार्यवाही करने का कष्ट करें एवम पिछले तीन वर्षों में केवलारी क्षेत्र की नदियों में जिन कंपनियों ने उत्खनन किया है उसका भौतिक सत्यापन कर उन पर भी आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें ऐसा निवेदन है।
शिकायतकर्ता
संजय तिवारी
भोजराज मदने