सिवनी-खग्रास चन्द्रग्रहण – 31 जनवरी 2018
(भूभाग में ग्रहण समय – शाम 5.17 से रात्रि 8.42 तक) (पूरे भारत में दिखेगा, नियम पालनीय ।)
चन्द्रग्रहण बेध (सूतक) का समय
सुबह 8.17 तक भोजन कर लें । बूढ़े, बच्चे, रोगी और गर्भवती महिला आवश्यकतानुसार दोपहर 11.30 बजे तक भोजन कर सकते हैं । रात्रि 8.42 पर ग्रहण समाप्त होने के बाद पहने हुए वस्त्रोंसहित स्नान और चन्द्रदर्शन करके भोजन आदि कर सकते हैं ।
ग्रहण पुण्यकाल
अधिकांश स्थानों में पुण्यकाल का समय लगभग शाम 5.17 से रात्रि 8.42 के बीच समझें ।)
ग्रहण के समय पालनीय
(1) ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते । जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए ।
(2) सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना । यदि गंगा-जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फलदायी होता है ।
(3) ग्रहण-काल जप, दीक्षा, मंत्र-साधना (विभिन्न देवों के निमित्त) के लिए उत्तम काल है ।
(4) ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।
वैज्ञानिकों की राय-
खबरें हैं कि 150 साल 31 जनवरी को ऐसा चंद्र ग्रहण होने जा रहा है जिसमें चांद नीले रंग का दिखाई देगा। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इसदिन चांद बेहद चमकीला होगा। यह नजारा बेहद अद्भु होगा। वैज्ञानिकों ने बताया है कि चंद्र ग्रहण के दौरान चांद का निचला हिस्सा ऊपरी हिस्से से ज्यादा चमकीला होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले 1866 में चंद्र ग्रहण के दौरान नीला चांद देखने को मिला था। अब अगला चंद्र ग्रहण 31 दिसंबर 2028 को होगा जब चांद नीला दिखाई देगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह ग्रहण रात्रि में होगा जो कि पूर्वी एशिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
ज्योतिषाचार्यों की राय-
31 जनवरी को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण के बारे में भारतीय ज्योतिषाचार्यों की राय है कि ऐसा ग्रहण भारत में 35 साल बाद देखने को मिलेगा। यह ब्लू मून या सुपर मून और ब्लड मून तीन रंगों में देखा जा सकेगा। भारत में अधिकांश हिस्सों में आज के दिन चांद हल्के लाल रंग का दिखाई देगा।