धारनाकला (बरघाट)। दिवाली के मद्देनज़र जहां चारों ओर रौनक देखने को मिल रही है, वहीं धारनाकला गांव में एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। तहसीलदार बरघाट और थाना प्रभारी बरघाट की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत धारनाकला के समीप शासकीय जमीन पर लगी फटाखा दुकानों को तत्काल हटाने की कार्रवाई की। यह कदम सुरक्षा कारणों और संभावित हादसे को रोकने के लिए उठाया गया। बताया जा रहा है कि एक किराना व्यवसायी के हस्तक्षेप और शिकायत के बाद यह कार्यवाही की गई, क्योंकि दुकानें पंचायत भवन के बहुत नजदीक लगाई गई थीं, जिससे आगजनी का खतरा था।
फटाखा दुकानों को किया गया स्थानांतरित, नया बाजार गांव के बाहर
प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर फटाखा दुकानों के पंडाल हटवाए और दुकानदारों को गांव से बाहर शासकीय भूमि पर निर्धारित स्थान पर दुकान लगाने के निर्देश दिए।
गांव में पर्याप्त सरकारी जमीन न होने के कारण, सरपंच ने पहले पंचायत के पास की खाली जगह दुकानदारों को आवंटित की थी। लेकिन सुरक्षा मानकों और नियमों का उल्लंघन देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की।
फटाखा व्यवसायियों ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग
प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए फटाखा व्यवसायियों ने तुरंत अपने पंडाल हटाए और नए स्थान पर दुकानें लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि गांव की कुछ किराना दुकानों में बिना लाइसेंस के थोक में फटाखा कारोबार हो रहा है, जबकि वैध लाइसेंसधारी दुकानदारों को एक दिन का सीमित व्यापार करने की अनुमति है।
व्यवसायियों ने मांग की कि बिना लाइसेंस कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस पर तहसीलदार और थाना प्रभारी ने निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सख्त नियमों के बीच मुश्किल हुआ फटाखा व्यवसाय
फटाखा कारोबार अब पहले की तरह आसान नहीं रह गया है। शासन की गाइडलाइन के अनुसार, हर फटाखा व्यापारी को ‘स्वघोषणा पत्र’ (Self Declaration Form) भरकर देना होगा, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि वह केवल ‘ग्रीन क्रैकर्स (Green Crackers)’ का ही निर्माण, भंडारण और विक्रय कर रहा है।
यह नियम माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा रिट पिटीशन क्र. 728/2015 पर दिनांक 29 अक्टूबर 2021 को दिए गए आदेश के तहत लागू किया गया है।
इस आदेश के अनुसार, प्रतिबंधित और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक फटाखों के निर्माण, भंडारण और विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
इसी के चलते प्रशासन ने निर्देश दिया है कि बाजार में बेचे जाने वाले सभी फटाखों के सेम्पल मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विजय नगर जबलपुर को जांच हेतु भेजे जाएंगे।
जनता ने की प्रशासन के फैसले की सराहना
धारनाकला के ग्रामीणों ने इस कार्रवाई को “साहसिक और समयोचित निर्णय” बताया। उनका कहना है कि दिवाली जैसे पर्व पर सुरक्षा सर्वोपरि है।
गांव के एक बुजुर्ग निवासी ने कहा — “अगर यह कार्रवाई समय पर नहीं होती तो गांव के बीच लगी फटाखा दुकानों से बड़ा हादसा हो सकता था।”
धारनाकला में की गई यह कार्रवाई प्रशासन की सजगता और जनता की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाती है।
जहां एक ओर फटाखा व्यवसायी नए नियमों के चलते मुश्किलें झेल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन का ध्यान सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित है।
अब देखना होगा कि आगामी दिनों में बिना लाइसेंस कारोबार करने वालों पर क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं।

