सिवनी पुलिस पर करोड़ों की हवाला राशि में “झोल” करने का आरोप! थाना प्रभारी समेत 9 पुलिसकर्मी सस्पेंड, CM ऑफिस तक पहुँचा मामला

Seoni: Nine policemen, including the station in-charge, suspended; the matter reaches the Chief Minister's office; police accused of embezzling money worth crores in hawala transactions!

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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सिवनी: थाना प्रभारी समेत 9 पुलिसकर्मी सस्पेंड, CM ऑफिस तक पहुँचा मामला; पुलिस पर करोड़ों की हवाला राशि में “झोल” करने का आरोप!

सिवनी: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी है। तीन करोड़ रुपये के हवाला कांड में अब पुलिस खुद कठघरे में है। मामला इतना गंभीर है कि 9 पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है, वहीं SDOP पूजा पांडेय पर भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बताया जा रहा है कि कटनी से जालना जा रही हवाला रकम में से करीब 80 लाख रुपये गायब हैं — और अब सवाल यह है कि यह रकम आखिर गई कहाँ?

मामला शुरू हुआ एक गुप्त सूचना से…

8 और 9 अक्टूबर की दरमियानी रात, बंडोल थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक गाड़ी (एमएच13ईके3430) कटनी से महाराष्ट्र के जालना जा रही है जिसमें भारी मात्रा में हवाला रकम ले जाई जा रही है।

पुलिस ने जब गाड़ी को शीलादेही क्षेत्र में रोका तो उसमें 1.45 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। गाड़ी में जालना निवासी सोहन परमार सहित चार लोग सवार थे, जिन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।

हवाला या वैध लेन-देन?

पुलिस के अनुसार यह रकम हवाला से जुड़ी थी, लेकिन आरोपियों का कहना था कि यह उनके वैध व्यापार की रकम थी। यही से मामला उलझ गया। पहले 2.25 करोड़ रुपये की जब्ती की बात कही गई, पर बाद में पुलिस ने कहा कि रकम सिर्फ 1.45 करोड़ है। यानी लगभग 80 लाख रुपये का अंतर, जो अब पूरे विवाद की जड़ बन गया है।

पुलिस पर ही रकम “खुर्द-बुर्द” करने का आरोप

पुलिस सूत्रों का दावा है कि रकम जब्त करने के बाद कुछ अधिकारियों ने रकम कम दिखाने या हेराफेरी करने की कोशिश की। आरोप है कि आरोपियों से रकम जब्त करने के बाद उन्हें छोड़ भी दिया गया। जब आरोपी अपनी पूरी रकम की जब्ती की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुँचे, तब जाकर पूरा मामला उजागर हुआ

सबूत नागपुर कैसे पहुँचे?

सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि आरोपियों के मोबाइल फोन, जो पुलिस कस्टडी में थे, नागपुर तक पहुँच गए। अब यह सवाल उठ रहा है कि कस्टडी में रखे सबूत जिले से बाहर कैसे पहुँचे?

मुख्यमंत्री कार्यालय का एक्शन

मामला मीडिया में आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने खुद हस्तक्षेप किया। जबलपुर IG प्रमोद वर्मा ने तत्काल जांच शुरू की और SDOP सिवनी कार्यालय व बंडोल थाना के 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

निलंबित पुलिसकर्मियों की सूची

  1. उप निरीक्षक अर्पित भैरम, थाना प्रभारी बण्डोल, सिवनी,
  2. प्रधान आरक्षक 203 माखन, एसडीओपी कार्यालय सिवनी,
  3. प्रधान आरक्षक 447 रविन्द्र उईके, रीडर-एसडीओपी कार्यालय सिवनी,
  4. आरक्षक 803 जगदीश यादव, एसडीओपी कार्यालय सिवनी,
  5. आरक्षक 306 योगेन्द्र चौरसिया, एसडीओपी कार्यालय सिवनी,
  6. आरक्षक चालक 582 रितेश, ड्राइवर एसडीओपी कार्यालय सिवनी,
  7. आरक्षक 750 नीरज राजपूत, थाना बण्डोल, सिवनी,
  8. आरक्षक 610 केदार, गनमैन-एसडीओपी सिवनी, 8वीं वाहिनी विसबल छिन्दवाड़ा,
  9. आरक्षक 85 सदाफल, गनमैन-एसडीओपी सिवनी, 8वीं वाहिनी विसबल छिन्दवाड़ा।

    सिवनी में पुलिस तंत्र पर सवाल

    स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करती है।
    पिछले कई वर्षों से जिले में बिना “सेवा शुल्क” के कोई कार्रवाई नहीं होती। शराब, नशा और अवैध कारोबार खुलेआम चल रहे हैं, जबकि पुलिस “मौन दर्शक” बनी रहती है।

    विपक्ष का हमला और जनता की नाराज़गी

    विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि पुलिस विभाग में “मिलिभगत की संस्कृति” ने जड़ें जमा ली हैं।
    सोशल मीडिया पर लोग सिवनी पुलिस की ईमानदारी पर तंज कस रहे हैं, वहीं कई सामाजिक संगठन CBI जांच की मांग कर रहे हैं।

    कानूनी विशेषज्ञों की राय

    विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह साबित होता है कि रकम में हेराफेरी की गई है तो यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, IPC की धारा 409 (विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत गंभीर अपराध है।
    ऐसे मामलों में कठोर सजा और विभागीय निष्कासन दोनों संभव हैं।

    जनता का भरोसा और पुलिस की चुनौती

    इस घटना ने जनता का पुलिस पर भरोसा डगमगा दिया है। जहाँ पुलिस को न्याय का प्रतीक माना जाता है, वहीं जब वही पुलिस भ्रष्टाचार में फंसती दिखे, तो जनता का आक्रोश स्वाभाविक है।
    विशेषज्ञों का सुझाव है कि —

    • हर थाने में CCTV निगरानी व्यवस्था अनिवार्य की जाए,
    • लोकायुक्त जांच को प्राथमिकता मिले,
    • और आंतरिक सतर्कता इकाई को मजबूत किया जाए।

    “हवाला” क्या है और क्यों खतरनाक है?

    हवाला एक अवैध वित्तीय तंत्र है जिसमें बिना बैंकिंग माध्यम के पैसा देश-विदेश में भेजा जाता है।
    यह तरीका आतंकवाद, कर चोरी और ड्रग तस्करी से जुड़ा होता है। भारत में यह FEMA और PMLA कानूनों के तहत गंभीर अपराध है।

    सिवनी में पकड़ी गई करोड़ों की रकम इस बात का संकेत है कि हवाला नेटवर्क अब छोटे जिलों तक पहुँच चुका है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है।

    यह पूरा मामला सिर्फ पुलिस पर नहीं, बल्कि पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। अब सबकी निगाहें सरकार और जांच एजेंसियों पर हैं कि क्या वे इस “हवाला-भ्रष्टाचार” कांड की तह तक पहुँच पाएंगी या यह भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

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    Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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