आगामी विधानसभा चुनाव के लिये आज 2 नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है, वहीं जिले में प्रभावशील भाजपा, कांगे्रस व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जैसे दलों द्वारा सिवनी, बरघाट, केवलारी एवं लखनादौन से अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की जा सकी है, हालांकि गत 1 नवंबर की देर रात्रि तक सोशल मीडिया पर कांगे्रस व भाजपा के कुछ प्रत्याशियों के नाम तय होने की खबरें वायरल हुई, लेकिन वे अंतत: भ्रामक साबित हुई, वहीं देर रात तक दावेदारों के समर्थक भोपाल व दिल्ली से अधिकृत सूची प्राप्त करने का प्रयास करते रहे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
सिवनी। राजनैतिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश की सत्ता में पुन: काबिज होने की मंशा रखने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस वर्तमान में सत्तारूढ़ भाजपा प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार कर रही थी। वहीं आज 2 नवंबर को लगभग 11:30 बजे भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय द्वारा प्रेस नोट जारी कर मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 में से 177 सीटों के लिये अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है, जिनमें से सिवनी जिले की लखनादौन सीट शामिल नहीं है, वहीं बरघाट, केवलारी तथा सिवनी ने अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है।
अब इंतजार कांगे्रस की अधिकृत सूची का है, जिसे लेकर पहले से ही कई तरह की चर्चायें व्याप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं युवा नेता ज्योतिदिरात्य सिंधिया के मध्य हुई नोक-झोक के बाद कांगे्रस के अधिकृत प्रत्याशियों की सूची का फैसला करने में देरी हो रही है। सूत्रों की माने तो आज शाम तक भाजपा के बाद कांगे्रस भी अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है।
मुनमुन लड़ेंगे भाजपा के चुनाव चिंह पर
चुनाव वर्ष 2008 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में श्रीमति नीता पटेरिया से चुनाव हारने वाले युवा मुनमुन राय ने वर्ष 2013 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मटका चुनाव चिंह से सिवनी विधानसभा सीट भाजपा और कांगे्रस के कद्दावर नेताओं को हराकर जीती थी, विगत लगभग 6 माह पूर्व विकास के नाम पर भाजपा में शामिल हुये मुनमुन राय को आज भाजपा चुनाव समिति के सेक्रेटरी जगत प्रकाश नड्डा द्वारा जारी सूची में पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है।
मालूम हो कि मुनमुन राय को पार्टी का मूल व्यक्ति ना होने का दावा कर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनका दिल्ली तक जमकर विरोध किया था, लेकिन अमित शाह की टीम ने जीतने वाले प्रत्याशी के रूप में अंतत: मुनमुन राय को ही कमल का निशान आवंटित कर दिया है। कमल पर किया गया पुन: भरोसा
वर्ष 2008 और 2013 के चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी का बरघाट विधानसभा क्षेत्र में परचम फहराने वाले आदिवासी नेता कमल मर्सकोले को पुन: पार्टी ने दाव लगा दिया है। 177 सीटों की सूची में इस सुरक्षित क्षेत्र से अब कमल चुनाव चिंह कमल पर मतदाताओं से आशीर्वाद मांगेंगे।
राकेश पाल के समक्ष केवलारी में है चुनौती
कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे राकेश पाल सिंह का राजनैतिक कैरियर विगत 2 वर्षों में अचानक बुलंदियां छूने लगा और उन्हें भारतीय जनता पार्टी का जिला अध्यक्ष बना दिया गया, जिसके बाद से ही वे कांगे्रस का गढ़ माने जाने वाले केवलारी विधानसभा में सक्रिय दिखायी दिये। हालांकि स्थानीय प्रत्याशी ना होने के चलते उन्हें केवलारी भाजपा संगठन से चुनौती अवश्य मिली, लेकिन तमाम आंशकाओं को दरकिनार करते हुये अंतत: राकेश पाल को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन ने कांगे्रस का अभेद गढ़ बन चुकी केवलारी सीट जीतने की जबावदारी दे दी है।
लखनादौन के लिये नहीं बन पायी आम सहमति
पिछले चुनाव में भाजपा को इस सीट से हाथ धोना पड़ा था, जहां पूर्व विधायक शशि ठाकुर को युवा नेता योगेंद्र बाबा ने परास्त कर दिया था। आज भाजपा द्वारा जारी सूची में लखनादौन विधानसभा क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र से सांसद मंडला फग्गन सिंह कुलस्ते शशि ठाकुर को पुन: टिकिट ना देने पर अड़े हुये है, वहीं वे स्वयं के लिये भी समीकरण तलाश रहे है, लेकिन यदि सब कुछ फग्गन सिंह के इशारों पर हुआ तो विजय उइके ही भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी हो सकते हैं।