सिवनी: नगरपालिका द्वारा मॉडल रोड के बंदरबाट का विरोध तो बर्षो से चला आ रहा है, कभी मॉडल रोड के हिसाब का जवाब तो कभी मॉडल रोड की बिगड़ती हालत की वजह से मॉडल रोड को लेकर विरोध देखने को मिलता ही रहा है ।
विगत 15 बर्षो से प्रदेश व सिवनी नगरपालिका में भाजपा का शासन रहा है वही काँग्रेस व भाजपा दोनो ही राजनीतिक पार्टियों के लगभग आधा दर्जन के बराबर पार्षद चुनकर जनता ने दिया है जिसमे विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के तो उपाध्यक्ष भी रहे है इसके बाबजूद भी दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधियों की आपसी साठ-गाँठ से सिवनी की जनता को शुरू से ठगा ही है।
आम जनता ने जिन्हें चुनकर ऊंचे पदों तक भेजा उन्हें तो उसी जनता के लिए जनहित जनसेवा करना चाहिए था किन्तु उनमें से अधिकांश तो खुद का हित और खुद की सेवा को सर्वोपरि रखते हुए मोटी रकम कमाने के चक्कर मे ठेकेदार बन गए या अपने निकट दोस्त यार रिश्तेदार को ठेकेदार बना दलाली में मगन रहे है।
यही सबसे बड़ा और मुख्य कारण है कि दोनों दलों (भाजपा – कांग्रेस) से सिवनी की जनता पूरी तरह निराश हो चुकी है, विगत वर्षों से नागरिक मोर्चा के सक्रिय होने के साथ साथ नागरिक मोर्चा द्वारा किए गए कार्यों से लोगों को सिवनी नगरपालिका में अब आने वाले समय मे विकास की नई किरण दिखाई दे रही है।
सिवनी की मॉडल रोड के लिए राजनैतिक व कानूनी लड़ाई शुरू – नागरिक मोर्चा
नागरिक मोर्चा के सोशल मीडिया एकाउंट से नवेन्दु मिश्रा का एक वीडियो जारी किया गया, उस वीडियो में सिवनी की मॉडल रोड की पोल खोल के साथ साथ मॉडल रोड के लिए लड़ी जा रही राजनैतिक व कानूनी लड़ाई के बारे में भी जानकारी दी।
नवेन्दु ने जारी वीडियो में बताया कि मॉडल रोड के लिए नागरिक मोर्चा के द्वारा SDM COURT में CRPC की धारा 133 के तहत न्यूसेंस का मामला दर्ज कराया गया है ।
क्या है CRPC की धारा 133?
क्या है CRPC की धारा 133 यहां समझिये: धारा 133 न्यूसेंस के सम्बन्ध में जिला मजिस्ट्रेट या उपखण्ड मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा कोई अन्य कार्य पालक मजिस्ट्रेट के अधिकारों के सम्बन्ध में प्रावधान करती है। न्यूसेंस का मतलब असल में उन बस्तुओ या गतविधियों से है।
जिनसे जनसामान्य को किसी तरह की परेशानी या दिक्कत होती हो या बह जन सामान्य के लिए घातक साबित हो सकता है धारा 133 दंड प्रक्रिया सहिंता इस तरह के न्यूसेंस को हटाने या उसे हटाने के सम्बन्ध में कार्यवाही करने के अधिकार के बारे में बताती है।
जिसमे धारा 133 दुआरा A ,B. C, D, E ,F छे प्रकार के न्यूसेंस के बारे में बताया गया है ऐसे में मजिस्ट्रेट इन 6 प्रकार के न्यूसेंस को हटाने के लिए धारा 133 के अंतर्गत आदेश दे सकता है और ऐसे न्यूसेंस को हटाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का आदेश भी दे सकता है।