सिवनी: आदिवासी बालिका छात्रावास बोरदेई अधीक्षिका छात्राओं को कहती है पढ़कर क्या उखाड़ लिया? तबियत बिगड़ने पर कहती है मरने दो बाद में देखा जाएगा. छात्रों द्वारा जय हिंद कहने पर कहा जाता है जय हिंद की जगह जय भीम कहो मुझे जय हिंद पसंद नहीं है. होस्टल का पूरा काम छात्राओं से कराया जाता है जिसके बाद तंग आकर छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठी है.
रविवार-सोमवार की रात आदिवासी बालिका छात्रावास बोरदेई में एक छात्रा की तबीयत बिगड़ने से हालात इतने गंभीर हो गए कि छात्रावास की छात्राएँ अगले दिन अधीक्षिका को हटाने की मांग पर अड़ी रहीं और छात्रावास के गेट पर धरने पर बैठ गईं। इसके बाद प्राचार्य पहुंचे, जिनके सामने छात्राओं ने छात्रावास में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी दी। अधीक्षिका ने अपनी सफाई दी, लेकिन छात्राएँ उससे संतुष्ट नहीं हुईं। आश्वासन मिलने पर ही छात्राएँ वापस भोजन के लिए गईं।
मरने दो, बाद में देखा जाएगा – कुछ छात्राओं ने अधीक्षिका संतोषी उईके से कहा कि मैडम, इसे अपनी गाड़ी से अस्पताल ले चलें, लेकिन अधीक्षिका ने जवाब दिया कि एम्बुलेंस आ रही है। बीच में छात्रा की हालत देखकर छात्राओं ने पुनः कहा कि वह तड़प रही है, उसे जल्दी अस्पताल ले चलें, तब अधीक्षिका ने कहा, “मरने दो, बाद में देखा जाएगा।”
खाने में कंकर-पत्थर
छात्राएँ शिकायत करती हैं कि चावल में कंकर आने पर उनकी गलती बताई जाती है। इसके अलावा, छात्राओं से अनाज साफ कराया जाता है।
कामवाली लगाने की मांग पर अधीक्षिका का जवाब
छात्राओं द्वारा कामवाली लगाने की मांग पर अधीक्षिका ने कहा, “तुमने अपनी जिंदगी में अपने घर पर कामवाली देखी है?” छात्राओं से सफाई करवाई जाती है – अधीक्षिका पर छात्राओं से टॉयलेट और बाथरूम साफ करवाने का भी आरोप है। इसके अलावा, पढ़ाई करने पर अधीक्षिका कहती है, “इतने समय से पढ़ रहे हो, क्या उखाड़ लिया जो अब करोगे?”
अधीक्षिका को हटाने की मांग –
छात्राओं ने प्राचार्य के नाम आवेदन देकर बताया कि छात्रा की तबीयत बिगड़ने पर एम्बुलेंस आई और उसे अस्पताल ले जाया गया। अगले दिन, कक्षा 11वीं और 12वीं की छात्राएँ छात्रावास के गेट पर धरने पर बैठ गईं। छात्राओं से उनकी मांग पूछी गई तो उन्होंने एक स्वर में कहा, “हमें यह अधीक्षिका नहीं चाहिए।” कारण पूछने पर बताया कि अधीक्षिका हमसे टॉयलेट साफ करवाती है और खराब पंखे और बिजली की मरम्मत नहीं कराती।
जय हिंद की जगह जय भीम कहने को मजबूर –
अधीक्षिका संतोषी उईके, छात्राओं को जय हिंद की जगह जय भीम कहने को मजबूर करती है और कहती है, “मुझे जय हिंद पसंद नहीं है, सब जय भीम बोलो।”
अधपका भोजन –
छात्राएँ अधपका भोजन करने को मजबूर हैं। छात्रावास में जो मीनू लगा है, उसके अनुसार कभी भोजन नहीं मिलता। धरने के दिन भी लौकी की पानी वाली सब्जी, दाल, रोटी और चावल बना था जिसमें भोजन करने के बाद भी इतना बच गया कि 50 लोग खा सकते थे। अधीक्षिका के व्यवहार से तंग आकर छात्राओं ने भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया।
कलेक्टर से मिलने के बाद ही भोजन –
छात्राओं ने कहा कि वे कलेक्टर से मिलने के बाद ही भोजन करेंगी। प्राचार्य के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी जिद छोड़ी और भोजन के लिए गईं।
राजनीति का शिकार –
अधीक्षिका ने बताया कि वह राजनीति का शिकार हो रही हैं। पूर्व में सस्पेंड हुई अधीक्षिका से अब तक सरकारी आवास खाली नहीं करवाया गया। वर्तमान अधीक्षिका संतोषी उईके का विवादों से पुराना नाता है। 2021 में 26 जनवरी के कार्यक्रम में महापुरुषों की फोटो को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया था और छपारा छात्रावास भेजा गया था। वहां से वापस सिवनी लाने पर छात्राओं ने विरोध शुरू कर दिया।
सीसीटीवी कैमरे बंद –
सूत्रों के अनुसार, कई दिनों से छात्रावास में सीसीटीवी कैमरे बंद थे। ऐसा क्यों हुआ, इसकी जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। अधीक्षिका ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह सब सोची-समझी साजिश है। प्रशासन द्वारा जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। ट्रायवल की एओ पूजा उईके ने भी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही।