सिवनी, धारनाकला (एस. शुक्ला): शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की सारी तैयारीया पूरी कर ली गई है.
किसानो से धान खरीदने के लिये क्रमश धान खरीदी केन्द्रो का आवंटन भी कर दिया गया है।
किन्तु शासन द्वारा धान खरीदी केन्द्र के आवंटन मे बहुत सी विसंगती भी देखने व सुनने मे आई है जिसे नकारा नही जा सकता है।
दागदार समितीयो को फिर मिली धान खरीदी की जिम्मेदारी
उल्लेखनीय है वर्ष 2022 2023 के लिये बनाये धान खरीदी केन्द्र और आवंटन मै सबसे ज्यादा चर्चाओ मे बृहताकार सहकारी समिति आष्टा का नाम सबसे ज्यादा सामने आ रहा है।
चूंकि आष्टा समिती के द्वारा की गई धान खरीदी मे भारी अनियमिताओ के साथ कल्याणपुर एवं आष्टा के धान खरीदी केन्द्र मे 2235 क्विंटल धान का सारटेज सामने आया है जिसमे आष्टा खरीदी केन्द्र मे 2771000 सत्ताइस लाख इखतर हजार एव कल्याणपुर केन्द्र मे 1565000 पन्द्रह लाख पैसठ हजार रूपये की धान की घटत होने के बाद आष्टा समिती पात्रता की सूची मै आ गई और उस समिति को वर्तमान मे पुनः दो धान खरीदी की जिम्मेदारी आला अधिकारियो ने दे डाली
हमाल और मजदूरो का भी नही हुआ मजदूरी भुगतान
यहा यह भी उल्लेखनीय है की आष्टा समिती के द्वारा वर्ष 2021 ’22 मे की गई धान खरीदी मे लगे हमाल एवं मजदूरो का भुगतान भी आज तक नही किया गया है तथा खरीदी केन्द्र मे उपयोग की सामग्री तो खरीदी गई किन्तु उनका भुगतान भी आज तक नही किया गया।
जबकि इस सम्बन्ध मे मजदूरो के साथ साथ जन प्रति निधियो ने भी उपायुक्त सिवनी को शिकायत की है बावजूद इसके दागदार समिती को धान खरीदी की जिम्मेदारी सौप दी गई वही दूसरी तरफ धारनाकला समिती के द्वारा की गई धान खरीदी मे लगभग तीन सौ क्विंटल के सारटेज के बाद यह समिती ब्लेक लिस्ट की सूची मे शामिल है इससे अन्दाजा लगाया जा सकता है की किस तरह धान खरीदी केन्द्र प्रदाय किये जा रहे है जबकि जिले की अधिकांश समितियो पर उपायुक्त सिवनी के द्वारा वसूली के सम्बध्द मे कारवाई भी सामने आई है।
समूहो को धान खरीदी केन्द्र आवंटन मे भी राजनीती हावी
यहां यह भी उल्लेखनीय है शासन की मंशानुरूप महिला स्व सहायता समूह को भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिये केन्द्र आवंटित किये गये है जिसमे राजनैतिक दबाव व प्रभाव रखने वाले महिला स्व सहायता समूहो को धान खरीदी केन्द्र आवंटित किये गये है।
धान का कटोरा कहलाने वाले बरघाट विकास खंड मे ही लगभग 1268 महिला स्व सहायता समूह है किन्तु बहुत से समूहो के द्वारा धान खरीदी के सम्बध्द मे आवेदन प्रस्तुत करने के बाद भी बरघाट विकास खंड के समूहो को तवज्जो नही दी गई और दी भी गई तो जिनका राजनैतिक प्रभाव विभाग पर भारी पड़ा है उन्हे खरीदी केन्द्र आवंटित कर दिये गये वही दूसरी तरफ जो समूह वर्षो से संचालित है।
उन समूहो को सिरे से नजर अन्दाज कर दिया गया है और शासन के लाभ को पाने के लिये राजनैतिक प्रभाव वाले समूह जिनके गठन की अवधि को देखा जाये तो पता चल जायेगा की किस तरह देश के प्रधान मंत्री द्वारा महिलाओ के उत्थान और महिलाओ को आत्म निर्भर बनाने के प्रयास को राजनीती का ग्रहण लग रहा है।
महिला समूह ने की शिकायत
यहा यह भी उल्लेखनीय है प्रगति आजीविका स्व सहायता समूह के द्वारा भी धान खरीदी के आवंटन मे बरती जा रही अनियमिताओ की शिकायत जिला कलेक्टर को करते हुऐ उल्लेख किया गया है की प्रगति आजीविका स्व सहायता समूह धारनाकला को उडेपानी केन्द्र क्रमांक 1037050 का आन लाइन ड्राप डाउन चयन हो गया है एवं मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड सिवनी द्वारा भी फोन कर बारदाना लेने हेतू कहा जा रहा है लेकिन जिला खाद्य अधिकारी द्वारा खरीदी केन्द्र स्थापना नही की जा रही है।
चयनित प्रगति आजीविका स्व सहायता समूह धारनाकला को रद्द कर अन्य समूह को प्रदान स्थापना किया जा रहा है जो की गलत है
वही दूसरी तरफ राजनैतिक प्रभाव के चलते वास्तविक महिला स्व सहायता समूहो को धान खरीदी से वंचित करने का खेल खुले रूप मे चल रहा है
क्या है ड्राप डाउन
यहा यह भी उल्लेखनीय है की धान खरीदी केन्द्र आवंटित करने मे ड्राप डाउन लिस्ट क्या है इसे समिति और महिला समूह नही समझ पा रहे है चूकी ड्राप डाउन सूचि जिन समितियो और समूह के नाम है उन्हे धान खरीदी केन्द्र आवंटित करने की बात कही जा रही है किन्तु हकीकत यह है की ड्राप डाउन सूची मे उन समितियो के नाम ज्यादा है जो दागदार समिती है जिसका सबसे बडा उदाहरण आष्टा समिती है जिसके द्वारा वर्ष 2021 -22 की धान खरीदी मे तेईस सौ क्विंटल धान का सारटेज और उपायुक्त की कार्रवाई भी जारी है
आये दिन बदल रहे केन्द्र
यहा यह बताना भी लाजिमी है की आन लाइन उपार्जन पोर्टल पर आये दिन धान खरीदी केन्द्र परिवर्तित हो रहे है जबकि जिस समिति अथवा समूह को धान खरीदी प्रदाय आवंटित हो चुकी तो पोर्टल पर आये दिन परिवर्तन होना भी समझ से परे है किन्तु इतना जरूर है की धान खरीदी केन्द्र के प्रदाय आवंटित प्रक्रिया मे राजनैतिक प्रभाव के चलते खरीदी केन्द्र आवंटित होने की प्रक्रिया जो चल रही है उससे इन्कार नही किया जा सकता
जिले के संवेदन शील जिला कलेक्टर शासन की नीती को सुचारू व व्यवस्थित करने मे ध्यान देगा ऐसी जनाअपेक्षा है