सिवनी: अभी कुछ ही दिन हुए है छिंदवाड़ा युनिवर्सिटी चालू हुए | ओर विद्यार्थियों के साथ धोका धाड़ी चालू हो गई है । छात्र नेता ऋषभ चौरसिया द्वारा बताया गया की। नव गठित छिंदवाड़ा विश्व विद्यालय के सिवनी एवं बालाघाट जिले के एम एसी ( गणित,रसायन,वनस्पति शास्त्र) प्रथम सेमेस्टर एवं एल एल बी प्रथम सेमेस्टर का पुनर्मूल्यांकन कराया जाने विषयक में मुख्यमंत्री राज्यपाल को ज्ञापन दिया है.
जिसमें उपरोक्त्त विषय में निवेदन इस प्रकार यह कि छिंदवाड़ा विश्व विद्यालय सत्र 2019-20 से अस्तित्व में आया एक मात्र बिना प्राध्यापकों एवं मूलभूत संरचना के अस्तित्व में आने वाला भारत का पहला विश्व विद्यालय है जो केवल परीक्षा आयोजित कराने का काम कर रहा,इनके पास एक भी प्रगतिशील प्राध्यापक नहीं हैं।
इस विश्वविद्यालय की परीक्षा का आयोजन अग्रणी महाविद्यालय छिंदवाड़ा के परीक्षा प्रभारी प्रोफेसर बी डेहरिया एवं सहायक प्रोफेसर पाटिल के साथ साथ गत एक माह पूर्व रजिस्ट्रार बने प्रो राजेंद्र मिश्रा के मार्गदर्शन में हो रहा है उपरोक्त दोनों प्रोफेसरों द्वारा आटोनामस कालेज छिंदवाड़ा का मूल्यांकन 100%परीक्षा परिणाम के साथ कराया गया हैं व विधि प्रथम वर्ष में सिवनी के तीन महाविद्यालयों के 250 छात्रों में केवल 8 उत्तीर्ण हुए।बालाघाट में भी केवल 10 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं।
एम एस सी गणित में पी जी कालेज के 100 में से 5,एवं डी पी सी के 25 में से 5,लखनादौन में 02 तथा बालाघाट में केवल 12 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। एम एस सी रसायनशास्त्र में पी जी के 52 में से 5 डी पी में 40 में से 5 एवं बालाघाट में कुल14 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं।
वनस्पति एवं जंतुशास्त्र में भी 15 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं।
सिवनी बालाघाट जिलों को छोड़कर शेष छिंदवाड़ा जिले के परीक्षा परिणाम ठीक हैं।नवीन सुविधाहीन विश्वविद्यालय में दूसरे जिलों के परीक्षा परिणाम इस विश्वविद्यालय की गाथा स्वंय सिद्ध कर रहा कि यह परीक्षा कराने तक सीमित रहने वाला विश्वविद्यालय है।
इसी सम्बंध में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से अनुरोध है किया हैं कि संदर्भित जिलों के छात्रों के भविष्य को देखते हुए एम एस सी(गणित,रसायन,वनस्पति) प्रथम सेमेस्टर एवं विधि प्रथम सेमेस्टर का पुनर्मूल्यांकन कराने छिंदवाड़ा विश्व विद्यालय को आदेशित करने की माँग कीहे एवं खराब मूल्यांकन कराने वाले प्राध्यापकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करने के लिए कहा हैं साथ ही आर्थिक विपदा को देखते हुए आगामी सत्र से सभी महाविद्यालयों को रा दु वि वि से जोड़ने का निवेदन किया जल्द यदि माँगो को जल्द पूरा नही किया जाता तो विधार्थियो के साथ परिषद उग्र आंदोलन करने पर विवश होगी