पूजा में शामिल वन रक्षक निलंबित, विभागीय जांच प्रारंभ
सिवनी । सिवनी जिले में धनवर्षा कराने के लिए एक मंदिर में धनवर्षा के उद्देश्य से बाघ के दांत, नाखून व मूंछ के बालों के साथ पूजा कराते पाए जाने वाले एक वनरक्षक को निलंबित किया गया है। पूजा में शामिल वनरक्षक व अन्य 3 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। इन चारों आरोपियों को 5 जून की शाम माननीय न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।
दक्षिण सामान्य वनमंडल के वन मंडल अधिकारी पीपी टिटारे ने आज बताया कि खवासा परिक्षेत्र की पुलपुला बीट में पदस्थ वनरक्षक सुनील मर्सकोले को बीते दिवस 4 जून 2020 को एक मंदिर में धनवर्षा कराने के उद्देश्य से पकडा गया था। विभागीय कार्यवाही के बाद उक्त वनरक्षक को निलंबित किए जाने के आदेश 5 जून को जारी किए गए है तथा वनरक्षक के विरूद्ध विभागीय जांच प्रारंभ कर दी गई है।
बताया गया कि पूजा से धन वर्षा होने का अंधविश्वास पर खवासा वन परिक्षेत्र के पिंडरई व सिल्लारी गांव के ग्रामीणों व वन विभाग में पदस्थ वनरक्षक के लिए घातक साबित हुआ है। सिल्लारी गांव निवासी खेमराज सलामे, रामकिशोर सलामे, पिंडरई निवासी राजू बरकड़े के साथ मिलकर वनरक्षक सुनील मर्सकोले ने धनवर्षा के लिए झड़ती पूजा कराने की योजना बनाई थी।
पूजा के लिए चारों ने बालाघाट कटंगी से पंडा भी बुलाया था। लेकिन 4 जून को पूजा पूरी होने से पहले ही सतर्क वन अमले ने आरोपितों को बाघ के दांत, नाखून व बालों व पूजन सामग्री सहित धर दबोचा। जानकारी के अनुसार यह पूजा रिड्डी टेक से पीपरवानी मार्ग पर स्थित नदी किनारे करीब तीन किमी अंदर घने जंगल में स्थित एक मंदिर में की जा रही थी। कार्रवाई के दौरान पंडा मौके से फरार हो गया है जिसकी तलाश जारी है।