Seoni, Barghat News: बरघाट जनपद की ग्राम पंचायत आष्टा में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक के माध्यम से राशन मित्र पोर्टल की आईडी का दुरुपयोग करके अपात्र व्यक्तियों का सत्यापन किया गया। यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक ही व्यक्ति के श्रमिक कार्ड की फोटो का उपयोग कर कई अन्य व्यक्तियों को असंगठित श्रमिक श्रेणी में खाद्यान्न पर्ची के लिए सत्यापित किया गया। इस कार्रवाई से राशन प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक की मिलीभगत
यह मामला उस समय सामने आया जब फूड विभाग ने इस धोखाधड़ी का पता लगाया और इसे निरस्त कर दिया। विभाग ने ग्राम पंचायत सचिव को चेतावनी देते हुए कहा कि यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। हालाँकि, सचिव और सरपंच ने यह दावा किया कि राशन मित्र पोर्टल की आईडी का संचालन रोजगार सहायक ही करता है और सचिव को ऑनलाइन कार्य में कठिनाई होती है, जिसके कारण यह पूरा कार्य रोजगार सहायक द्वारा ही किया गया।
राशन मित्र पोर्टल का दुरुपयोग
राशन मित्र पोर्टल का उपयोग गरीब और जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। राष्टीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत असंगठित और प्रवासी श्रमिकों को पंजीकृत किया गया है और उन्हें पात्रता पर्ची जारी की जाती है। यह कार्य ई-श्रम पोर्टल और संबल योजना के तहत होता है। 10 अगस्त 2024 तक इन योजनाओं से जुड़े हितग्राही आवेदन कर सकते थे, लेकिन आष्टा पंचायत के सचिव और रोजगार सहायक ने इसका गलत फायदा उठाकर अपात्र लोगों को सत्यापित किया।
सत्यापन की अनियमितता: एक गंभीर समस्या
इस मामले में यह भी देखा गया कि कई अपात्र व्यक्तियों ने एक ही श्रमिक कार्ड की फोटो का उपयोग करके राशन पर्ची प्राप्त करने के लिए सत्यापन करवाया। यह न केवल कानून के खिलाफ है बल्कि सरकार की योजनाओं की मूल भावना के भी खिलाफ है। इस तरह के मामलों में प्रशासनिक सख्ती जरूरी है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या पंचायत विभाग के उच्च अधिकारी इस पर ठोस कार्रवाई कर पाएंगे?
मुफ्त राशन योजना का गलत फायदा
यह उल्लेखनीय है कि मुफ्त राशन योजना का लाभ पहले से ही ऐसे अपात्र लोगों को मिल रहा है, जो शासन की गाइडलाइन्स के अनुसार पात्रता नहीं रखते। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारी कर्मचारी, जो हर महीने 50,000 रुपये से अधिक का वेतन प्राप्त कर रहे हैं, वे भी 5 किलो राशन मुफ्त में प्राप्त कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, जिन श्रमिकों और संबल कार्डधारकों को वास्तव में इसका लाभ मिलना चाहिए, वे इससे वंचित हैं।
धन्नासेठ और अमीर व्यक्तियों को भी मुफ्त राशन
अभी की स्थिति में यह भी देखा जा रहा है कि कई धन्नासेठ, पटेल और करोड़पति लोग भी मुफ्त राशन लेने की पात्रता में शामिल हो गए हैं। इनके पास अथाह संपत्ति होने के बावजूद, ये लोग मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, पूरे गांव को गरीबी रेखा में शामिल किया जा रहा है, जिससे अपात्र लोगों को भी लाभ मिल रहा है।
पंचायतों में भ्रष्टाचार की पुरानी परंपरा
ग्राम पंचायत आष्टा में अपात्र लोगों का सत्यापन करने की प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है। पंचायतों में ऐसे मामले पहले से होते आ रहे हैं, जहां अपात्र व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। यह मामला भी उसी कड़ी का एक हिस्सा है, जहां सचिव और रोजगार सहायक की मिलीभगत से राशन पर्ची का गलत तरीके से सत्यापन किया गया।
रोजगार सहायक की सफाई
इस पूरे मामले में रोजगार सहायक का कहना है कि ऑनलाइन सभी कार्य वही करता है और आईडी भले ही ग्राम पंचायत सचिव की है, लेकिन कार्यवाही रोजगार सहायक द्वारा ही की गई है। सचिव तेजसिंह पटले का दावा है कि उन्होंने इस कार्य में कोई भागीदारी नहीं की और उनका इसमें कोई हाथ नहीं है।
प्रशासनिक कार्रवाई का इंतजार
अब देखना यह होगा कि पंचायत विभाग और अन्य संबंधित अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। यह स्पष्ट है कि इस तरह की अनियमितताएं सरकार की नीतियों को कमजोर करती हैं और जरूरतमंदों तक सही लाभ नहीं पहुंच पाता। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में सख्ती से निपटे और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।