सिवनी: जिले के विभिन्न स्थानों पर हाल ही में घटित गौवंश हत्या की निर्ममता पूर्वक घटनाओं ने समाज में गहरा आक्रोश उत्पन्न किया है।
इस नृशंस कृत्य के विरोध में सिवनी जिला अधिवक्ता संघ ने यह ठोस निर्णय लिया है कि गौवंश हत्या में लिप्त अपराधियों की ओर से कोई भी अधिवक्ता पैरवी नहीं करेगा। जिला प्रशासन ने भी इस निर्णय का समर्थन किया है और इसे सही दिशा में उठाया गया कदम माना है।
निर्मम घटनाएँ और साम्प्रदायिक सौहार्द
सिवनी जिले के धनोरा, धूमा, पलारी, और केवलारी थाना क्षेत्रों में गौवंश की गला काटकर हत्या की गई थी। इसके बाद मृत पशुओं को पवित्र बैनगंगा नदी में फेंक दिया गया था। यह घटना न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाती है, बल्कि जिले के साम्प्रदायिक सौहार्द को भी बिगाड़ने की एक घिनौनी कोशिश है।
सिवनी जिला अधिवक्ता संघ का निर्णय
जिला अधिवक्ता संघ ने इस घोर निंदनीय घटना की कड़ी निंदा की है। संघ ने सभी अधिवक्ताओं से अपील की है कि वे गौवंश हत्या में लिप्त अपराधियों की ओर से किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता न प्रदान करें। संघ का मानना है कि इस निर्णय से समाज में एक स्पष्ट संदेश जाएगा कि अधिवक्ता समाज भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ खड़ा है।
जिला प्रशासन का समर्थन
जिला प्रशासन ने अधिवक्ता संघ के इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में कठोरतम कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार के जघन्य अपराध करने का साहस न कर सके।
जिला अधिवक्ता संघ और जिला प्रशासन का यह संयुक्त प्रयास निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इस निर्णय से न केवल अपराधियों के मनोबल पर असर पड़ेगा, बल्कि समाज में शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
अधिवक्ताओं की यह पहल एक मिसाल के रूप में कार्य करेगी और समाज को यह संदेश देगी कि विधि और न्याय व्यवस्था के रक्षक भी समाज में सौहार्द और शांति बनाए रखने के प्रति उतने ही प्रतिबद्ध हैं।