सिवनी। जिले में बीते दिन सिवनी वन वृत्त कार्यालय में वरीयता सूची के छेडछाड के मामले में भोपाल से जांच के आदेश दिए गए हैं।
अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एचएस मोहन्ता ने शुक्रवार को कहा है कि सिवनी जिले का उक्त प्रकरण संज्ञान में आने के बाद मुख्य वनसंरक्षक सिवनी से जांच प्रतिवेदन बुलाया गया है।
इस प्रकरण के संबंध में पीसीसीएफ का पत्र भी प्राप्त हुआ है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
ये है पूरा मामला
वन वृत सिवनी अंतर्गत वरीयता सूची वर्ष 2006 में वरीयता देने की तिथि में 16 जनवरी 2003 में छेडछाड करते हुए 23 जुलाई 1994 कर दिया जो वनरक्षक हरवेन्द्र बघेल की शासकीय सेवा में नियुक्ति की दिनांक है तथा इसी तिथि को वरीयता देने की तिथि मानकर सिवनी वृत्त कार्यालय द्वारा वनरक्षक से वनपाल पर वर्ष 2009 पर पदोन्नति दी गई और विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा 05 अप्रैल 2016 को वनपाल से उपवनक्षेत्रपाल के पद पर प्रमोशन दे दिया गया। जहां एक अपात्र व्यक्ति लाभान्वित हो गया।
दक्षिण सामान्य वनमंडल के परिक्षेत्र सिवनी का प्रभार नियम विरूद्ध तरीके पदोन्नति प्राप्त कर चुके डिप्टी रेंजर हरवेन्द्र बघेल को दिये जाने की कवायद जोरो पर है, वहीं स्थानांतरण नीति 2023 के नियमों को दरकिनार वनसरंक्षक सिवनी ने सिवनी रेंज का हरवेन्द्र बघेल को देने के आदेश भी जारी कर रखे है। वहीं शिकवा -शिकायतों के चलते मौखिक आदेश पर कार्यभार न दिये जाने के निर्देश भी हुये है।
सक्षम अधिकारी दरकिनार
विभागीय सूत्रों की मानें तो किसी रेंज का प्रभार सक्षम अधिकारी को ही दिया जाता है, जब सक्षम अधिकारी न हो तो तब वरिष्ठ उपवनक्षेत्रपाल को यह कार्यभार सौंपा जाता है। सिवनी वन वृत्त अंतर्गत लगभग 55 वनक्षेत्रपाल हैं, जिनमें से 10 से 12 वनक्षेत्रपाल जिनके पास कोई काम नहीं है, उन्हें यह अवसर न देकर अपात्र व्यक्ति को लाभ देने के उद्देश्य से लाभान्वित किया गया है।
जानकारों की मानें तो रिक्त रेंज के प्रभार देने के लिए सीसीएफ से संबंधित वनमंडलाधिकारी ने निवेदन भी किया था, लेकिन वनमंडलाधिकारी की निवेदन और नियमों को दरकिनार करते हुए सीसीएफ द्वारा डिप्टी रेंजर को प्रभार देने संबंधी आदेश जारी किये हैं।