सिवनी। जंगल से भटक कर नगर के कबीर वार्ड, टैगोर वार्ड में प्रवेश कर चुका सांभर को सुरक्षित पकड़ने के लिए वन अमला रात भर प्रयासरत रहा। लेकिन टैगोर वार्ड स्थित पुरानी डिशनरी के अनुपयोगी पड़े पानी से भरे एक 40 फीट के गहरे टांके में गिर जाने से सांभर की मौत हो गई। वन विभाग की टीम रात भर भागते सांभर को सुरक्षित पकड़ने के लिए यहां से वहां दौड़ते नजर आए। सांभर को बचाने के प्रयास वार्ड की जनता ने भी अपनी ओर से भरसक प्रयास किया। लेकिन सांभर को बचाया नहीं जा सका।
गुरुवार को शव परीक्षण करके शव दाह कराया जाएगा। वन्य प्राणी संरक्षण के तहत अनुसूची-3 का प्राणी सांभर की उम्र लगभग 2 से 3 साल बताई जा रही है। बुधवार की शाम 5:00 बजे जंगल से भटक कर उक्त सांभर टैगोर वार्ड के एक खुले प्लाट में पहुंचा। आसपास कुत्तों के भौंकने की आवाज से लोगों का ध्यान उस ओर गया जहां नागरिकों ने सांभर को बचाने के लिए तत्काल आवारा कुत्तों को वहां से खदेड़ा। इसके बाद क्षेत्रवासियों ने तत्काल वन अधिकारियों, कर्मचारियों को सूचना दी। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौके पर पहुंचे और सांभर को सुरक्षित पकड़ने के प्रयास शुरू कर दिए गए। सांभर उछलता, कूदता टैगोर वार्ड के राजपूत कॉलोनी, रामनगर कॉलोनी होता हुआ बरघाट नाका स्थित पानी टंकी के परिसर में पहुंच गया।
जहां रात के 9:30 बजे तक वन विभाग की टीम उसे सुरक्षित पकड़ने के लिए जुटी रही। इसी बीच सांभर यहां की ऊंची बाउंड्रीवॉल को फायदा हुआ भागा। सांभर वार्ड पार्षद सुरेंद्र क्रोशिया के निवास के पीछे व जज कॉलोनी के पीछे स्थित पुरानी डिस्टलरी वाले क्षेत्र में पहुंच गया। जहां खुले पड़े 40-40 फीट के छह-सात टांके हैं जिनका अब उपयोग नहीं हो रहा है। उक्त खुले पड़े टांके में बारिश का पानी भरा हुआ है। उनमें से एक टांके में सांभर जा गिरा।
इसी बीच वन अमला सांभर की तलाश में यहां वहां दौड़ते रहे और खतरनाक खुले टांके कि और पहुंचे। यहां वन अमले और क्षेत्र वासियों के सहयोग से उसे सुरक्षित निकालने का प्रयास किया गया। रात्रि 12:30 बजे सांभर को जैसे-तैसे निकाला गया। जांच करने पर वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि सांभर की मौत हो चुकी है।
खतरनाक है टांका-
अनुपयोगी टांका जज कॉलोनी के पीछे है। इस टांके में बारिश का पानी भरा है, जो काफी गंदा दुर्गंध युक्त है। जो बीमारी को भी जन्म दे रहा है। यहां लारवा पनप रहे हैं। वर्षों से खाली पड़े टांके में बारिश का पानी भरा है। जहां टांके में लगभग 40-40 फीट तक पानी भरे रहने के साथ ही इसमें झाड़ियां, जलीय पौधे लगे हैं, जिसके कारण यह अनुपयोगी टांका बेहद खतरनाक माना जा रहा है। इस घटना के बाद क्षेत्रवासियों ने अनुपयोगी खुले पड़े टांके को पूरी तरह से पूरे जाने की भी मांग की है। सांभर को पकड़ने के लिए मौके पर एसडीओ लक्ष्मीकांत वासनिक, हरविंद्र सिंह बघेल, उड़नदस्ता टीम में मुकेश तिवारी, विवेक मिश्रा, रवि विश्वकर्मा, रेस्क्यू टीम के कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद थे।