सिवनी: बरघाट, धारना कला – कारण बताओ सूचना पत्र से खलबली के पश्चात जवाब प्रस्तुत, सिवनी जिले की समस्त राशन दुकानों के विक्रेताओं को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से कारण बताओ सूचना पत्र जारी होने के पश्चात जिले की समस्त राशन दुकानों में हड़कंप की स्थिति निर्मित होने के बाद राशन विक्रेताओं के द्वारा धरना प्रदर्शन के बाद जवाब प्रस्तुत किए गए थे
जिसमें मुख्य आधार कोरोना काल में ऑफलाइन राशन वितरण का था जिसमें विक्रेताओं के पी ओ एस मशीन से स्टॉक के अंतर को कम करने की मांग की गई थी किन्तु उपरोक्त वसूली की कार्रवाई में अब तक कोई भी निर्णय खाद्य विभाग की ओर से सामने नहीं आया है।
विभागीय जांच के भौतिक सत्यापन में मिला अंतर
उल्लेखनीय है कि विभागीय अधिकारियों के द्वारा दुकानदार सत्यापन के पश्चात पी ओ एस मशीन तथा गोदाम के स्टॉक में अंतर पाया गया था। भौतिक सत्यापन में अंतर के पश्चात जिले की समस्त राशन दुकानों के विक्रेताओं को कारण बताओ सूचना पत्र जारी होने के बाद अब राशन की वसूली के निर्देश भी कुछ विकासखंड में जारी हो चुके हैं। वहीं विक्रेताओं के द्वारा अपने जवाब प्रस्तुत करने की कवायद अभी भी जारी है।
महिला स्व सहायता समूह ने मांगा समय
उल्लेखनीय है कि बरघाट विकासखंड के अंतर्गत लगभग 30 से 35 राशन दुकानों का संचालन महिला समूहों के हाथों में है जिनके द्वारा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के अभिमत के अनुसार शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए चार माह में अंतर के अनाज की पूर्ति करने का निवेदन किया गया है।
यह है अभिमत
उल्लेखनीय है कि कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने अपने अभिमत में कहा है कि भंडारण केंद्र से शासकीय उचित मूल्य दुकान में भंडारण होने तक धर्म कांटे से तौल कर छोटे तौल कांटे से हितग्राहियों को वितरण करने के दौरान खाद्यान की कुछ मात्रा खराब, मिट्टी आदि मिल जाने, दुकान में भंडारण पश्चात अनाज में सूखत आने से औसत आवंटन 200 किलो से 150 किलो खाद्यान्न की व्यवहारिक कमी आती है
जिसके कारण पी ओ एस मशीन के स्टॉक में उक्त मात्रा के बराबर स्टॉक वृद्धि प्रतिमाह होती है जिसका लाभ संबंधित विक्रेता को शासन स्तर से दिया जाना चाहिए। अर्थात औसत आधार पर उपरोक्त कारणों से पी ओ एस मशीन में उपलब्ध बचत का प्रतिमाह समायोजन भी किया जाना चाहिए। इसी अभिमत के आधार पर महिला समूह के द्वारा चार माह में अंतर के खाद्यान की पूर्ति किए जाने का शपथ पत्र अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करते हुए निवेदन किया गया है।
ऑफलाइन वितरण करना पड़ रहा भारी
उल्लेखनीय है कि जिले की राशन दुकानों के विक्रेताओं की मानें तो उनका कहना है कि उनके द्वारा विभागीय अधिकारियों के मौखिक दिशा निर्देश में कोरोना काल में खाद्यान्न का ऑफलाइन वितरण किया गया है जो मशीन के स्टॉक में वृद्धि के रूप में प्रदर्शित है जबकि उनके द्वारा ऑफलाइन वितरण में राशन हितग्राहियों को वितरण किया जा चुका है।
वहीं दूसरी तरफ यही स्थिति महिला समूहों की है। दुकान आवंटन तथा खाद्यान प्राप्त होने के बाद उन्हें ऐसे समय में मशीन प्राप्त हुई जब दुकान आवंटन माह का राशन मशीन में प्रदर्शित नहीं हुआ और हितग्राहियों के हंगामा करने के कारण उन्हें भी ऑफलाइन राशन वितरण करना पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ प्राप्त खाद्यान की बोरियाँ भी 45 से 48 किलो की उन्हें प्राप्त हुई हैं
जिसका अंतर भी पी ओ एस मशीन में बनता चला गया जिसकी पूर्ति भी व्यवहारिक दृष्टि से शासन स्तर से होनी चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ विभाग का कहना है कि मध्य प्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 3882 दिनांक 23/5/2019 के अनुशरण में उक्त वितरण पंजी (ऑफलाइन) से माह अक्टूबर 2019 से अक्टूबर 2020 तक वितरित मात्रा का माह फरवरी 2021 के आवंटन में पी ओ एस में उपलब्ध बचत का समायोजन कर लिया गया है।
यहाँ यह बताना भी लाजिमी है कि जिले की समस्त राशन दुकानों से स्टॉक तथा भौतिक सत्यापन में खाद्यान्न के अंतर की राशि करोड़ों में है जिसकी कार्रवाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा प्रारम्भ कर दी गई है।