सिवनी: मध्यप्रदेश में सट्टा और लॉटरी अवैध और गैर कानूनी है, लेकिन कुछ शातिर लोग इसे बड़ी ही आसानी से खुदको कानून से बड़ा समझकर कानून की नाक नीचे अंजाम देने से नहीं चूकते। हर वर्ष कूपन के नाम पर हजारो कूपन बेचकर सिवनी की भोली भाली जनता को रामदल लाखों का चूना लगा देता है। उपहार के नाम पर कुछ लोगों को तय घोषित इनाम दे दिया जाता है। यह पूरा सिस्टम लॉटरी पैटर्न में प्रशासन की नाक नीचे होता है जिसमे कोई कार्यवाही नहीं होती।
रामदल समिति के पंजीयन पर भी उठ रहे सवाल
राम दल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष की जानकारी शहर में किसी को नहीं है और न ही कोई सदस्य के द्वारा इसकी पुष्ट से ऐसे की पुष्टि की जा आयोजन करा रहा है लेकिन उसके द्वारा भी कभी अपने अध्यक्ष का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया। कुछ लोगो का मानना है कि बिना अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष के संगठन का रजिस्ट्रेशन हो ही नहीं सकता। इन्ही सभी चर्चाओं के चलते राम के पंजीयन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। यह भी पढ़ें: सिवनी: रावण दहन के नाम पर रामदल की लाखों की लूट की खबर सुर्खियों में
रामदल सिवनी का कूपन सिस्टम पूरी तरह सट्टा बाजार की तर्ज में
राम दल का कूपन सिस्टम पूरी तरह सट्टा बाजार की तर्ज में होता है। जहां लोगो को एक के अस्सी बनाने के सपने दिखा कर उन्हें अपने जाल में फसाया जाता है ठीक उसी तरह राम दल कूपन खरीदने में बड़े और बता दे कि राम दल के चंदा कूपन के नाम वसूली लॉटरी की तर्ज में कुछ यूं कीमती सामान के सपने दिखा कर अपने कोष में बड़ी धन राशि एकत्रित करने में सफल रहता है। यह भी पढ़ें: सिवनी: रावण दहन के नाम पर रामदल की लाखों की लूट की खबर सुर्खियों में
वैसे तो राम दल एक सामाजिक संगठन है। जिसके द्वारा हर साल चैत्र नवरात्र पर्व में दशहरा के दिन रावण दहन का भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में आयोजन समिति को अपने ही जिले की जनता से इतना भय होता है कि बाहर से बाउंसर बुला कर सुरक्षा तैनात करना होता हैं।
जनचर्चा है कि राम दल के द्वारा हर वर्ष रावण दहन कार्यक्रम के नाम पर बड़े-बड़े धन्ना सेठ, व्यापारी, नेता और अफसरों से जम कर चंदा उगाही की जाती हैं और इसका कोई हिसाब कभी समिति द्वारा सार्वजनिक रूप से नहीं दिया जाता। इस विषय मे दल का कोई भी सदस्य कभी स्पष्ट राय नहीं रख सका है।
रामदल के चंदा उगाही के आरोपो के साथ-साथ रामदल के लॉटरी पैटर्न में आम जनता के जेब ढीली करने से नहीं चूकता। राम दल के द्वारा हर साल हजारों की संख्या में कूपन बेचे जाते हैं। गरीब व्यक्ति कम लागत में बड़ा मुनाफा पाने के चक्कर मे बड़ी संख्या में रामदल के ये इनामी कूपन खरीदते है और इनाम ना निकलने पर अपने आप को ठगा भी महसूस करते है.
विज्ञापन के नाम पर वसूली
सूत्र बताते है कि राम दल जो इनाम देता है। उसके लिए आयोजन समिति पहले ही अपने ग्राहक ढूंढ लेती हैं। अपने प्रचार के दौरान प्रतिष्ठानों के विज्ञापन के रूप में पहला इनाम, दूसरा इनाम, तीसरा इनाम और चौथा इनाम उन प्रतिष्ठानों के मालिकों से पहले ही ले लिया जाता है।
नगर के नागरिकों का होता हैं अपमान
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाहर से आये बाउंसर द्वारा सिवनी के नागरिकों को सुरक्षा के नाम पर अपमानित 6 JHULA किया जाता है। इन बाउसर द्वारा राम दल के कार्यकर्ता, मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि का सम्मान किया जाता रही है। वही राम दल वर्षों हैं।
जबकि आम नागरिक जो रावण दहन के सार्वजनिक कार्यक्रम में पहुंचते है उन्हें चकियाया जाता है उनसे बदसलूकी की जाती है। यही नहीं यह बाउंसर महिलाओं के साथ भी दुव्यवहार और चकियाने से बाज नहीं आते राम दल के द्वारा बाहर से बाउंसर ला कर सुरक्षा की तामझाम दिखाना समझ के परे हैं कि आखिर इन्हें इनकी जरूरत क्या है।
टिकिट बेच कर किये लाखो वसूल
सूत्रों की माने राम दल के द्वारा इस आयोजन की टिकिट भी बेची गई पास के रूप में लोगों से 100 रुपये से लेकर 300 रुपये वसूले गए। राम दल के इस कृत्य के बाद चर्चा जोरों पर है कि समाज और धार्मिक कार्यक्रम करने वाली ये समिति अब ऐसे ओआजन के नाम पर धंधा पर उतारू हो गई है।