सिवनी: बरघाट तहसीलदार के निर्देश पर हटाया गया अवैध अतिक्रमण, किन्तु सिवनी कलेक्टर के निर्देशों को किया जा रहा नजरअंदाज

SHUBHAM SHARMA
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सिवनी: बरघाट तहसीलदार के निर्देश पर हटाया गया अवैध अतिक्रमण, किन्तु सिवनी कलेक्टर के आदेश हो रहे नजरअंदाज

सिवनी जिले के बरघाट तहसील में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही तेज हो गई है। हाल ही में तहसीलदार के निर्देशानुसार ग्राम घीसी में सिवनी-बालाघाट राजमार्ग के किनारे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान राजस्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में सख्ती से सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।

हालांकि, दूसरी ओर इसी मार्ग पर कुछ अन्य अतिक्रमणों को हटाने में प्रशासन की निष्क्रियता सवालों के घेरे में आ गई है। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन केवल कमजोर और गरीब वर्ग के अतिक्रमण हटाने पर जोर दे रहा है, जबकि प्रभावशाली लोगों के अवैध कब्जों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

धारनाकला में अतिक्रमण चिन्हित, लेकिन कार्रवाई अधूरी

यह भी उल्लेखनीय है कि धारनाकला मुख्य मार्ग पर स्थित सरकारी भूमि का सीमांकन जिला कलेक्टर के आदेशानुसार किया गया था। इस दौरान संयुक्त दल द्वारा कई जगहों पर अवैध अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। जनपद पंचायत बरघाट की बहुमूल्य भूमि का भी सीमांकन किया गया था, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यहाँ क्लिक कर पढ़ें इस मामले की पुरानी खबर: – सिवनी बालाघाट मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण: 137 स्थान हुए चिन्हित, सिवनी कलेक्टर के आदेश पर हुआ अमल

गरीबों पर गाज, दबंगों पर नरमी

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन केवल कमजोर और गरीब वर्ग के अतिक्रमण हटाने में रुचि दिखा रहा है, जबकि भूमाफियाओं और दबंगों द्वारा कब्जाई गई भूमि को खाली कराने में ढिलाई बरती जा रही है। धारनाकला में मुख्य मार्ग से सटी जनपद पंचायत की भूमि पर दबंगों ने अवैध निर्माण कर लिए हैं, लेकिन प्रशासन अब तक इस पर कार्रवाई करने में विफल रहा है।

संयुक्त दल द्वारा राजस्व विभाग, एमपीआरडीसी और पंचायत विभाग के समन्वय से किए गए सर्वेक्षण में इन अवैध कब्जों की पुष्टि हुई थी, फिर भी तहसील प्रशासन की ओर से अब तक नोटिस तक जारी नहीं किए गए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि कार्रवाई केवल कमजोर तबके पर की जा रही है, जबकि रसूखदार लोग बच निकलते हैं।

रोड किनारे अतिक्रमण का जाल – सिवनी कलेक्टर के निर्देशों को नजरअंदाज

धारनाकला समेत आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों अतिक्रमणकारी सरकारी जमीन पर काबिज हैं। जिला कलेक्टर संस्कृति जैन के निर्देशानुसार संयुक्त दल द्वारा मुख्य मार्ग और जनपद पंचायत की भूमि का सीमांकन किया गया था। इस दौरान पाया गया कि बड़ी संख्या में अस्थायी व स्थायी अतिक्रमण सरकारी भूमि पर बने हुए हैं।

  • सरकारी जमीन पर अस्थायी झोपड़ियां
  • पक्के निर्माण और व्यावसायिक प्रतिष्ठान
  • अवैध रूप से बनाई गई दुकानें और गोदाम

इसके बावजूद, महीनों बीत जाने के बाद भी इन अतिक्रमणों को हटाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय लोग प्रशासन की इस ढीली कार्यप्रणाली से बेहद नाराज हैं और बार-बार मांग कर रहे हैं कि सभी अवैध कब्जों पर समान रूप से कार्रवाई हो।

अवैध अतिक्रमण के चलते सड़क हादसों में वृद्धि

सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के चलते मुख्य मार्ग संकरा हो गया है, जिससे आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। अतिक्रमण के कारण राहगीरों और वाहन चालकों को आवागमन में कठिनाई हो रही है।

दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण:
✅ सड़क किनारे अवैध निर्माण
✅ अवैध दुकानों और ठेलों की भरमार
✅ पैदल चलने के लिए समुचित स्थान का अभाव
✅ ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं

स्थानीय प्रशासन को इस समस्या पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज करनी चाहिए।

प्रशासन की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल

अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन की दोहरी नीति पर सवाल उठ रहे हैं। लोग यह जानना चाहते हैं कि कमजोर वर्ग के घर तोड़े जा सकते हैं, लेकिन रसूखदारों के अवैध कब्जों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?

जनता की प्रमुख मांगें:
✔️ सभी अवैध अतिक्रमणों को बिना भेदभाव हटाया जाए।
✔️ गरीब और अमीर के बीच कोई अंतर न किया जाए।
✔️ सड़क किनारे अवैध निर्माणों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
✔️ सरकारी भूमि को संरक्षित रखने के लिए सख्त कानून लागू किए जाएं।

स्थानीय प्रशासन यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो आने वाले दिनों में जनता का आक्रोश बढ़ सकता है और बड़े पैमाने पर आंदोलन होने की संभावना भी बनी रहेगी।

सरकार को चाहिए सख्त कदम उठाए

राजस्व विभाग, पुलिस प्रशासन और नगर पंचायत को मिलकर संयुक्त अभियान चलाना होगा ताकि सभी अवैध अतिक्रमणों को हटाया जा सके। इसके साथ ही, भविष्य में अतिक्रमण न हो, इसके लिए निगरानी प्रणाली को भी मजबूत करना होगा।

समाधान के लिए सुझाव:
✅ सख्त अतिक्रमण विरोधी नीति लागू हो।
✅ दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
✅ सरकारी जमीन पर हो रहे नए अतिक्रमण को रोका जाए।
✅ अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।

यदि प्रशासन और सरकार जल्द से जल्द ठोस कदम नहीं उठाते हैं, तो जनता का भरोसा प्रशासन से उठ सकता है और लोग न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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