Seoni Barghat News: धारनाकला, सिवनी और बालाघाट के बीच स्थित एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां हाल ही में जिला कलेक्टर के निर्देश पर अतिक्रमण की पहचान की गई है। यह कार्य मुख्य मार्ग की सीमा निर्धारण और जनपद पंचायत बरघाट की भूमि के सीमांकन के दौरान किया गया।
इस कार्यवाही के परिणामस्वरूप अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण की पहचान की गई और अब इसे हटाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
इस प्रक्रिया के दौरान, सड़क किनारे पर किए गए अवैध कब्जे और अतिक्रमण की स्थिति को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में आवागमन की बाधाएं और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा था।
अतिक्रमण चिन्हित करने की प्रक्रिया
अतिक्रमण के चिन्हांकन के लिए जिला कलेक्टर के आदेश पर एक संयुक्त दल का गठन किया गया, जिसमें एमपीआरडीसी के अधिकारी, कर्मचारियों, सचिव सरपंच और तहसीलदार बरघाट द्वारा नियुक्त पटवारियों की टीम शामिल थी।
इस दल ने सिवनी-बालाघाट राजमार्ग के दोनों ओर सीमा चिन्हित किए और लाल रंग से अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण का क्षेत्रफल अंकित किया। इसके बाद, इन अतिक्रमणों की एक सूची बनाई गई, जिसे तहसीलदार को सौंपा गया ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।
चिन्हित अतिक्रमण की स्थिति
संयुक्त दल के द्वारा किए गए सीमांकन और माप के दौरान, कच्चे और पक्के अतिक्रमण की एक बड़ी संख्या सामने आई। यह अतिक्रमण सिवनी-बालाघाट रोड के किनारे तक फैले हुए थे, जो कि सड़क के उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी समस्या बन गए थे।
इन अतिक्रमणों के कारण न केवल सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया था, बल्कि लोगों को आवागमन में भी समस्याएं आ रही थीं। सड़क के किनारे अवैध रूप से खड़े इन अतिक्रमणों ने न केवल यातायात को अवरुद्ध किया, बल्कि दुर्घटनाओं की संख्या में भी वृद्धि की।
अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासनिक प्रयास
जिला कलेक्टर संस्कृति जैन के निर्देशों के तहत, यह कार्यवाही की गई है। कलेक्टर ने अतिक्रमण हटाने के लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं और यह संकेत दिए हैं कि जल्द ही इन अवैध कब्जों को हटाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन की यह पहल सिवनी और बालाघाट में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई अवैध कब्जों के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजेगी और भविष्य में इस तरह के अतिक्रमण को रोकने में सहायक होगी।
सुहाग कांप्लेक्स के निर्माण की संभावना
चिन्हित अतिक्रमणों के बाद, जनपद पंचायत बरघाट के नाम पर दर्ज की गई भूमि पर अब सुहाग कांप्लेक्स के निर्माण की संभावना बन सकती है। इस परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ना और स्थानीय विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। जनपद पंचायत बरघाट की यह भूमि पहले से ही विवादों का हिस्सा रही थी, लेकिन अब इस भूमि को विकास के कार्यों के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है।
संसोधित भूमि का मामला न्यायालय में विचाराधीन
जनपद पंचायत बरघाट की शासकीय भूमि को लेकर संशोधित मामला भी न्यायालय में विचाराधीन है। यदि यह भूमि जनपद पंचायत बरघाट के नाम पर दर्ज हो जाती है, तो इससे सुहाग कांप्लेक्स जैसी बड़ी परियोजना को साकार करने में मदद मिल सकती है। यह परियोजना न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि स्थानीय क्षेत्र के समग्र विकास को भी बढ़ावा देगी। इस भूमि पर अब व्यावसायिक उपयोग के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं, जो क्षेत्रीय विकास में योगदान करेंगे।
स्थानीय संपत्ति के बढ़ते मूल्य पर असर
धारनाकला क्षेत्र में शासकीय भूमि के आसपास निजी संपत्तियों के मूल्य में तेजी से वृद्धि हो रही है। आज की स्थिति में, यहां जमीन के मूल्य में औसतन सात से आठ लाख रुपये प्रति वर्ग फीट तक का इज़ाफा हो चुका है। यह संपत्ति एक निवेश के रूप में भी महत्वपूर्ण हो सकती है, विशेष रूप से यदि सरकार इस भूमि पर विकास कार्यों की अनुमति देती है। इस क्षेत्र में भूमि के मूल्य में वृद्धि और नए निर्माण कार्यों के शुरू होने से, धारनाकला क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में भी सुधार हो सकता है।
अतिक्रमण चिन्हित करने और भूमि की सीमा निर्धारण की प्रक्रिया से यह साफ जाहिर होता है कि प्रशासन इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। अतिक्रमणों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई और सुहाग कांप्लेक्स जैसी परियोजनाओं के निर्माण की संभावनाएं क्षेत्रीय विकास के लिए एक सकारात्मक कदम हैं। यह कदम न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा। यह कदम जिला प्रशासन की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाता है, और भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की कार्रवाई की उम्मीद जताई जा सकती है।
जिला कलेक्टर के निर्देश पर किए गए सीमांकन और अतिक्रमण हटाने की दिशा में उठाए गए कदमों से क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिल सकती है।