सिवनी : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री प्रवीण सिंह द्वारा आगामी समय में छात्र /छात्राओं की वार्षिक परीक्षाओं के मद्देनजर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं.
म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 4, 5 एवं 6 तहत जारी आदेशानुसार सिवनी जिले की राजस्व सीमा में प्रतिदिन ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग से उत्पन्न कोलाहल जो मानसिक या शारीरिक क्लेश पहुंचाती हो अथवा जो छात्रों के अध्ययन में बाधा डालती हो या ऐसी बाधा की संभावना हो ऐसा कोलाहल न किया जायेगा और न ही करवाया जायेगा।
धारा-4 प्रतिदिन रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे के बीच के समय में स्टीरियों, टेप, डेस्क, डी.जे. रिकॉर्डप्लेयर, घरेलू वाद्ययंत्रों, उपकरणों या सिनेमा अथवा अन्य विज्ञापनों के लिये लाउडस्पीकर जैसे उच्च ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग न तो किया जायेगा और न ही करवाया जायेगा।
अधिनियम की धारा-5 के तहत सिनेमा, किसी मनोरंजन एवं व्यापार या कारोबार का विज्ञापन करने के प्रयोजनों के लिये या किसी अन्य वाणिज्यिक आख्यापन के लिये तीव्र संगीत को ध्वनि विस्तारक से न तो चलाया जायेगा और न ही चलवाया जायेगा।
इसी प्रकार किसी लोक स्थान या खुले स्थान, कोई सडक या मार्ग, दुकानें, होटल, उपाहार गृह में ट्राजिस्टर, रिकॉर्डप्लेयर, टेप स्टीरियों से न तो तीव्र संगीत चलाया या चलवाया नहीं जायेगा और न ही कोई विद्युत या यांत्रिक भोपू हार्न को ऊंची आवाज में बजायेगा।
धारा-6 तहत किसी भी शैक्षणिक संस्था, छात्रावास अथवा छात्रों के अध्ययनरत किसी भवनों से 200 मीटर की दूरी के भीतर उक्त वर्णित ध्वनि विस्तारक को न तो बजाया जायेगा और न ही बजवाया जायेगा। इसी परिप्रेक्ष्य में यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इलेक्ट्रिकल्स/बिछायत केन्द्रों में प्रचारार्थ लाउड स्पीकरों एवं धार्मिक स्थलों पर वाद्य यंत्रों से उच्च संगीत को निषेध किया गया है।
उपरोक्त अधिनियम की धारा 13 (1) एवं (2) के तहत राष्ट्रीय और सामाजिक समारोहों तथा धार्मिक उत्सवों के अवसरों तथा धार्मिक स्थानों तथा परिसरों पर छूट होने पर भी संबंधित क्षेत्र के विहित प्राधिकारी तथा संबंधित थाना क्षेत्र के माध्यम से लिखित आवेदन पर ऐसी कालावधि के लिये अनुज्ञा में विनिर्दिष्ट की जाएगी । उक्त अधिनियम की धारा 4, 5, 6 तथा 7 के उपबंधों से छूट दे सकेगा जो केवल 1 /4 वाल्यूम पर उपयोग किया जा सकेगा।उक्त वर्णित उपबंधों में से किसी भी उपबंधों के उल्लंघन करने या उल्लंघन का प्रयत्न करने या दुष्प्रेरण करने पर छ: माह तक के कारावास या 1000 एक हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। इसके पश्चात पुन: अपराध करने पर प्रथम दोषसिद्ध पर दोगुने दंड से दंडनीय होगा। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा जो दिनांक 31 मई 2020 तक सिवनी जिले की सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में लागू रहेगा।