Seoni News: भीमगढ़ डेम के गेट खोलने को लेकर कार्यपालन यंत्री तिलवारा बायीं तट नहर संभाग केवलारी द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार, शनिवार 21 सितंबर को शाम 6 बजे भीमगढ़ डेम के गेट खोले जाएंगे। इस प्रक्रिया के दौरान, लगभग 10 हजार घन फीट प्रति सेकेंड पानी वैनगंगा नदी में छोड़ा जाएगा। इस स्थिति के मद्देनज़र, कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने डेम के निचले क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। यह निर्णय लगातार जल आवक और डेम के जलस्तर को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
भीमगढ़ डेम की महत्ता और जल प्रबंधन
भीमगढ़ डेम, जिसे संजय सरोवर डेम भी कहा जाता है, मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण जलाशयों में से एक है। यह डेम न केवल सिंचाई के लिए जल आपूर्ति करता है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में पीने के पानी और बिजली उत्पादन की आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। इस डेम के तहत वैनगंगा नदी में नियमित अंतराल पर पानी छोड़ा जाता है, जिससे नदी का जलस्तर नियंत्रित रहता है और विभिन्न जल-आवश्यकताओं की पूर्ति होती है।
हालांकि, भारी वर्षा या जल आवक के दौरान, डेम का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे उसे खाली करना आवश्यक हो जाता है। इसी क्रम में, 21 सितंबर को पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है ताकि जलाशय में अधिक जलभराव न हो और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वैनगंगा नदी और निचले क्षेत्र: जलस्तर का प्रभाव
वैनगंगा नदी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से होकर बहती है और इसके किनारे बसे गांवों और कस्बों के लिए यह जीवनरेखा के समान है। लेकिन जब डेम से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है, तो नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है।
इस बार भी, 10 हजार घन फीट प्रति सेकेंड पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ेगा, जिससे निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रशासन की ओर से पहले ही इन क्षेत्रों के निवासियों को जलभराव और बाढ़ की संभावना के प्रति आगाह कर दिया गया है, और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर की चेतावनी और प्रशासन की तैयारियां
कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन द्वारा जारी चेतावनी में कहा गया है कि डेम के निचले क्षेत्रों में बसे नागरिक विशेष सावधानी बरतें और बाढ़ की स्थिति में तुरंत प्रशासन से संपर्क करें। प्रशासन ने राहत और बचाव दल को सतर्क कर दिया है और संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।
इसके अलावा, प्रशासन द्वारा बाढ़ की स्थिति में मदद के लिए आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय रखा गया है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाएं, खाद्य सामग्री की आपूर्ति और सुरक्षित आश्रयस्थलों की व्यवस्था शामिल है। साथ ही, अधिकारियों ने नदी किनारे बसे निवासियों से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और बाढ़ के दौरान नदी के पास न जाएं।
भीमगढ़ डेम से पानी छोड़ने के कारण संभावित प्रभाव
भीमगढ़ डेम से पानी छोड़ने के बाद निम्नलिखित प्रभाव हो सकते हैं:
- निचले क्षेत्रों में बाढ़: पानी के अत्यधिक बहाव के कारण निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे बाढ़ का खतरा बना रहता है।
- फसल नुकसान: जिन क्षेत्रों में कृषि भूमि नदी के किनारे है, वहां बाढ़ के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है।
- यातायात में व्यवधान: बाढ़ की स्थिति में सड़कें और पुल प्रभावित हो सकते हैं, जिससे यातायात बाधित हो सकता है।
- पानी की गुणवत्ता पर असर: नदी में अचानक पानी के छोड़े जाने से जल की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, जिससे पेयजल की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम
निचले क्षेत्रों में बसे लोगों को निम्नलिखित एहतियाती कदम उठाने चाहिए:
- सतर्क रहें: बाढ़ की स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें और सुरक्षा के लिए पहले से ही सुरक्षित स्थानों पर जाने की व्यवस्था करें।
- महत्वपूर्ण दस्तावेज़ सुरक्षित रखें: अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों, जैसे पहचान पत्र, जमीन के कागजात आदि को सुरक्षित स्थान पर रखें।
- आपातकालीन सेवाओं से संपर्क: बाढ़ की स्थिति में प्रशासनिक हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें और सहायता प्राप्त करें।
- समय पर स्थानांतरित हों: अगर प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकासी की सलाह दी जाती है, तो समय पर सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित हों।