Seoni Railway Station News: सिवनी रेलवे स्टेशन पर घटित एक भावुक कर देने वाली घटना ने इंसानियत और संवेदनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत किया। शनिवार का दिन सिवनी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए सामान्य प्रतीत हो रहा था, जब शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन (नंबर 11202) दोपहर 1:40 बजे छिंदवाड़ा की ओर रवाना हुई।
लेकिन ट्रेन के बम्होड़ी गांव के पास पहुंचने पर एक 18 माह की बच्ची अंशिका अचानक ट्रेन से गिर गई। इस हादसे ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया।
स्थानीय युवाओं का साहस और सहायता
बम्होड़ी गांव के युवाओं ने मानवता की अनूठी मिसाल पेश की। पटरी किनारे रोने की आवाज सुनकर धर्मेंद्र सनोड़िया, विश्वनाथ यादव और घनश्याम यादव तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने बच्ची को उठाया और पाया कि उसके हाथ, पैर, कमर और चेहरे पर चोटें आई हैं।
बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए, वे तुरंत उसे अपनी बाइक पर लेकर शहर पहुंचे। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्होंने रेलवे स्टेशन जाकर रेलवे पुलिस को घटना की जानकारी दी। रेलवे पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन को सूचित किया।
परिवार तक पहुंची जानकारी
रेलवे पुलिस द्वारा दी गई सूचना के आधार पर, अंशिका के माता-पिता, नीरज गुप्ता और रिंकू गुप्ता, जो कि कटनी से छिंदवाड़ा जा रहे थे, को इस घटना की जानकारी दी गई। बच्ची के माता-पिता तुरंत सिवनी रेलवे स्टेशन पहुंचे।
अंशिका की मां ने बताया कि वे एस-3 कोच के बर्थ नंबर 66, 67 और 68 पर यात्रा कर रहे थे। नीरज गुप्ता अपनी बर्थ से उठकर गेट की ओर गए थे और उनके पीछे-पीछे अंशिका भी चली गई।
नीरज गेट की तरफ जाने के बाद यह मान रहे थे कि अंशिका अपनी मां रिंकू या मामा धीरज गुप्ता के साथ होगी। हालांकि, अंशिका दूसरे गेट की ओर चली गई और दुर्भाग्यवश गिर गई। लगभग 10 मिनट बाद, जब धीरज अपनी बर्थ पर लौटे, तो रिंकू ने पूछा कि अंशिका कहां है। धीरज के ‘मुझे नहीं पता’ कहने पर परिवार घबरा गया।
रेलवे सुरक्षा बल की तत्परता
रेलवे सुरक्षा बल सिवनी ने इस घटना में सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया से बच्ची को सुरक्षित परिवार के सुपुर्द किया जा सका।
सिवनी रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल बाहरी चौकी में कार्यरत महिला आरक्षक ज्योति विश्वकर्मा ने बच्ची को उसके परिजनों के सुपुर्द किया। बच्ची को सकुशल देखकर परिवारजन भावुक हो गए और गांव के युवाओं का आभार व्यक्त किया।
बम्होड़ी गांव के युवाओं का प्रशंसनीय कार्य
इस घटना ने साबित किया कि बम्होड़ी गांव के युवाओं की सजगता और मानवीय भावना ने एक बच्ची की जान बचाई। इन युवाओं ने न केवल घायल बच्ची को उपचार के लिए पहुंचाया बल्कि पूरी घटना की जानकारी रेलवे पुलिस को दी, जिससे परिवारजन जल्द से जल्द बच्ची से मिल सके।
सिवनी रेलवे स्टेशन पर घटित इस घटना ने मानवता और संवेदनशीलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। ग्रामीणों और रेलवे पुलिस के त्वरित और सामूहिक प्रयासों से बच्ची को सुरक्षित बचाया जा सका। यह घटना हमें रेलवे यात्रा के दौरान सतर्कता और सुरक्षा उपायों के महत्व को समझाती है।